बिजनोर

…तो भाजपा को लोकसभा उपचुनाव में तीनों सीटों पर इसलिए मिली करारी हार

किसान और मजदूर ने रखी है हार बुनियाद

बिजनोरMar 14, 2018 / 03:53 pm

Iftekhar

भाजपा के तीनों राज्यसभा उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित

बिजनौर. उत्तर प्रदेश के फूलपुर व गोरखपुर और बिहार के अररिया के लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में मिली संभावित हार से जहां बीजेपी सकते में हैं। किसी को कुछ समछ में नहीं नहीं आ रहा है कि आखिर ये हुआ तो कैसे। कहां गई मोदी लहर और राजनीति के चानण्य कहे जाने वाले अमित की रणनीति। चुनावी पंडितों को ये बात भले ही समझ में नहीं आ रही हो। लेकिन सरकार के खिलाफ किसान और मजदूर संगठनों ने सड़क पर उतर कर हार की वजहों को पूरी तरह साफ कर दिया है।

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राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार को भी गन्ना कार्यालय का घेराव किया। किसानों ने गन्ना कार्यालय पहुंचकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाज़ी की। बाद में किसान अपनी मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट ऑफ़िस पहुँच गए। किसानों के नेता विनोद कुमार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार अपने चुनावी वादे से हटकर किसान विरोधी बनकर रह गई है। किसानों की मांग है कि सरकार ने बिजली के दाम बढ़ा दिए हैं । बिजली की कीमत में 150 प्रतिशत की वृद्धि की गई है ,जिसे किसान किसी भी हालत में नही मानेगा। साथ ही साथ किसानों के गन्ना मूल्य में भी कटौती सरकार द्वारा की जा रही है, जिसे किसान कभी बर्दास्त नहीं करेगा । इन्हीं तमाम मांगों को लेकर किसानों ने कलेक्ट्रेट आफ़िस पर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।

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इस दौरान राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है की ये सरकारे किसान विरोधी है। योगी सरकार ने सूबे में किसानों के बिजली के दाम 50 से 150 गुना बढ़ा दिए हैं। आगामी साल के लिए गन्ने के दाम भी अभी प्रदेश सरकार नहीं घोषित कर पाई है। किसानों के नेता विनोद कुमार ने कहा कि क़र्ज़ माफी के नाम पर किसानों के साथ प्रदेश सरकार ने धोखा दिया है। गन्ने का मूल्य बढाकर 500 रूपये दिया जाये और बिजली के जर्जर तारो को बदला जाये। इसके साथ ही 60 वर्ष से ऊपर के किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा 5000 रुपया हर महीने पेंशन भी दी जाये। साथ ही प्रदेश सरकार बढ़ाये हुए बिजली बढ़ोतरी रुपया को वापस नही लेती तो हम सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।

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