scriptजानिये, क्या हुआ जब अपने मालिक की जान बचाने के लिए खूंखार गुलदार से भिड़ गया पालतू कुत्ता | dog fight with guldar to save the life of his owner in bijnor | Patrika News

जानिये, क्या हुआ जब अपने मालिक की जान बचाने के लिए खूंखार गुलदार से भिड़ गया पालतू कुत्ता

locationबिजनोरPublished: Jun 15, 2021 01:14:45 pm

Submitted by:

lokesh verma

बिजनौर में एक कुत्ते ने वफादारी की कहावत को किया फिर चरितार्थ, अपनी जान देकर बचाई अपने मालिक की जान।

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
बिजनौर. कहते हैं कुत्ता सबसे वफादार जानवर होता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब पालतू कुत्तों ने इस कहावत को चरितार्थ किया है। ताजा मामला बिजनौर का है, जहां एक पालतू कुत्ते ने अपनी जान पर खेलकर अपने मालिक की जिंदगी तो बचा ली, लेकिन खुद हमेशा-हमेशा के लिए मौत के आगोश में सो गया। बताया जा रहा है कि एक गुलदार घर में घुसकर एक व्यक्ति पर हमला बोलने वाला ही था कि इसी बीच कुत्ता आ गया और अपनी जान की परवाह न करते हुए गुलदार से भिड़ गया। इस दौरान कुत्ते की मौत हो गई। वहीं उसके मालिक की जान बच गई। यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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दरअसल, यह घटना बिजनौर जिले अफजलगढ़ थाना क्षेत्र स्थित चाऊवाला गांव की है। जहां हरविंदर सिंह अपने परिवार के साथ रहते हैं। बताया जा रहा है कि सोमवार को हरिवंदर सिंह के घर में एक गुलदार घुस आया। गुलदार को देख हरविंदर के पैरों तले जैसे जमीन ही न रही। उनके पसीने छूट पड़े। गुलदार हरविंदर पर हमला बोलने ही वाला था कि उनका पालतू कुत्ता बीच में आ गया और गुलदार से भिड़ गया। कुत्ते और गुलदार को लड़ता देख हरविंदर भागकर घर के बाहर आ गए और शोर मचा दिया। शोर सुनते ही अन्य ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर घटनास्थल पर पहुंचे तब तक गुलदार हरविंदर के पालतू कुत्ते को मार चुका था। इसके बाद ग्रामीणों ने लाठी-डंडे से गुलदार को खेतों की ओर खदेड़ दिया। पालतू कुत्ते की बहादुरी की ये घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
वन कर्मियों से पकड़ने की मांग

ग्रामीण हरविंदर सिंह, सर्वजीत सिंह, बलजीत सिंह और बलविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने गांव के आसपास गुलदार को देखा है। उनका आरोप है कि उन्होंने कई बार वन कर्मियों से गुलदार को पकड़ने की मांग भी की, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। उन्होंने कहा कि अगर वन कर्मी पहले ही गुलदार को पकड़ लेते तो आज हरविंदर का पालतू कुत्ता नहीं मारा जाता। उन्होंने कहा कि पालतू कुत्ता नहीं होता तो हरविंदर की जान भी जा सकती थी। इस मामले में वन विभाग के दरोगा सुनील राजौरा ने गुलदार को पकड़ने के लिए टीम भेजने की बात कही है।
पहले भी हो चुके हैं हमले

बता दें कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में गुलदार के हमले का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार गुलदार के हमले हो चुके हैं और उन हमलों में कई ग्रामीण और उनके बच्चों की जान भी जा चुकी है। आए दिन वन क्षेत्रों से खाने की तलाश में गुलदार गांव पहुंच जाते हैं और लोगों के साथ उनके पशुओं को अपना निवाला बनाते हैं, लेकिन इसके बावजूद वन विभाग मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है। इससे खेतों में काम करने वाले किसान भी चिंतित हैं। उन्हें गुलदार की दहशत के बीच खेती-किसानी करनी पड़ रही है।
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