Highlights
– मुशर्रफ दिल्ली में 10 वर्षों से बैग बनाने का काम फैक्ट्री में कर रहा था
-मुशर्रफ की पत्नी इमराना मां रहमत और बच्चे गांव में ही रह रहे हैं
-नेताओं ने आर्थिक मदद का दिया था आश्वासन
बिजनौर। 8 महीने पहले दिल्ली में एक बैग फैक्ट्री में आग लगने से जहां 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। तो वहीं इस हादसे में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस हादसे में बिजनौर जनपद के रायपुर सादात थाना क्षेत्र के टांडा माई दास के रहने वाले मुशर्रफ दिल्ली में 10 वर्ष से रहकर फैक्ट्री में बैग बनाने का काम भी कर रहे थे।
फैक्टरी में आग लगने पर मृतक मुशर्रफ ने गांव में रह रहे अपने दोस्त को फोन करके बताया था कि बिल्डिंग में आग लग गई है। उसका बचना मुश्किल है। इस हादसे में मुसर्रफ की मौत हो गई थी और मृतक अपने पीछे पत्नी और बच्चों को रोता बिलखता छोड़ गया था। आज 8 महीने बीतने के बावजूद भी मृतक के परिवार वालो का कहना है कि उन्हें कोई भी दिल्ली सरकार व यूपी सरकारी मदद नहीं मिली।
टांडा माई दास का रहने वाला मृतक मुशर्रफ दिल्ली में 10 वर्षों से बैग बनाने का काम फैक्ट्री में कर रहा था। मुशर्रफ की पत्नी इमराना मां रहमत और बच्चे गांव में ही रह रहे है। जबकि मुशर्रफ काफी समय से दिल्ली में इस काम को करके अपने बच्चों का और घरवालों का पेट पाल रहा था। अचानक से फैक्ट्री में आग लगने के बाद मुशर्रफ ने गांव के अपने एक दोस्त को फोन करके बताया था कि वह आग में घिर चुका है और उसका बचना मुश्किल है। हादसे के समय मृतक मुशर्रफ अपने दोस्त से फोन पर काफी रो रहा था।
इस हादसे के बाद राजनीतिक दल के नेता भी मुशर्रफ के घर सांत्वना देने पहुँचे थे और आर्थिक मदद देने की बात कही थी। लेकिन 8 महीने बीतने के बावजूद भी मृतक के घर वालो को किसी भी तरह की किसी से कोई आर्थिक सहायता नही मिली है। मृतक का परिवार आज भी बेबस नजर आ रहा है।मृत्तक के परिवार को अब भी आस है कि कोई ना कोई उसकी मदद करेगा। सरकारी अमला भी मृतक के परिवार की कोई मदद नही कर रहा है।