वहीं लोगों की मानें तो 2016 से पहले प्रदेश में सपा सरकार के दौरान जामा मस्जिद का इमाम बनने के बाद उसका प्रभाव बढ़ता गया और युवकों में वह काफी लोकप्रिय था। उसकी एक आवाज पर संप्रदाय विशेष के हजारों लोग इकट्ठा हो जाया करते थे। अनावरुल हक 4 दिसंबर 2015 को उस वक्त सुर्खियों में आ गया था, जब उसने कमलेश तिवारी का सिर कलम करने वाले को 51 लाख के इनाम का ऐलान किया।
मौलाना अनवारुल हक के भाषणों के खिलाफ हिंदू जन संघर्ष समिति ने जमकर प्रदर्शन किया था।समिति ने डीएम व एसपी से भड़काऊ बयान देकर माहौल खराब करने के मामले में मौलाना के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। हालांकि किसी भी अधिकारी की उन दिनों मौलाना पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं हो सकी थी। इतना ही नहीं, उन दिनों जिले में यह भी चर्चा तेज हो गई थीं कि सपा उसे 2017 विधानसभा चुनाव में टिकट दे सकती है। हालांकि 2016 में एक महिला ने उस पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। साथ ही उसका महिला के साथ अश्लील वीडियो वायरल हो गया। जिसके बाद उसका पतन शुरू हो गया।
पीड़िता की तहरीर पर उस वक्त पुलिस ने महिला थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया। वहीं मौलाना ने 24 मार्च 2016 को तत्कालीन एसपी उमेश कुमार श्रीवास्तव को वर्दी के स्टार उतरवाने तक की धमकी दे जाली थी। जिसके बाद उसके खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज किया गया और पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी। दबाव में आने के बाद अनवारुल हक ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था और वह कई महीनों तक जिला कारागार में बंद रहा। वहीं इसके बाद दुष्कर्म के मामले में समझौता होने पर वह जेल से छूट गया।
अनवारुल पर चार मुकदमे हैं दर्ज गौरतलब है कि अनवारुल हक पर चार मुकदमे दर्ज हैं। वहीं पांचवें मुकदमे में उसका समझौता हो चुका है, जबकि दो मुकदमों में कोर्ट में चार्जशीट पेश की जा चुकी है। वहीं दो रिपोर्ट में फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एसपी बिजनौर संजीह त्योगी ने बताया कि मौलाना अनवारुल हक व नईम कासमी से जुड़े तमाम मामलों की जांच की जा रही है। पुलिस यह भी जांच करने में जुटी है कि बिजनौर से विस्फोट के बाद फरार आतंकियों से मौलाना अनवारुल हक के किसी तरह के संबंध तो नहीं थे।