बता दें कि आजाद किसान यूनियन के बैनर तले 4 फरवरी को किसानों ने बकाये गन्ने के पेमेंट को लेकर कलक्ट्रेट आफ़िस पर प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन के दौरान किसानों ने कलक्ट्रेट परिसर में पुलिस के सामने चिता लगाकर आत्मदाह करने की कोशिश की थी। पुलिस ने जिला प्रशासन के इशारे पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पानी की बौछार कर उन पर लाठीचार्ज कर दिया था। साथ ही अगले दिन किसानों पर ही शांतिभंग और अन्य मामलों में मुकदमा दर्ज कर दिया था। इसी घटना को लेकर किसानों को अन्य दल का समर्थन भी मिल गया था।जिसके चलते किसानों ने आज सभी दल के साथ मिलकर इस बर्बरता को लेकर एक महापंचायत कर जिला प्रशासन के खिलाफ रणनीति तैयार करने का काम किया।
आज़ाद किसान यूनियन के पार्टी अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने इस महापंचायत को लेकर बताया कि इसमें आये सभी दल के लोगो ने जिला प्रशासन को 15 दिन का समय दिया है। जिसमे किसानों पर लगे सभी धाराओं को खत्म कराया जाए। दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाये और बकाये गन्ने के पेमेंट को दिलाया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो सभी दल के लोग रणनीति बनाकर जिला प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे।