प्रधानाध्यापक कोटे के 600 पद रिक्त
जानकारी के अनुसार प्रधानाचार्य पदों पर 600 प्रधानाध्यापकों की पदोन्नति इसलिए नही हो सकी क्योंकि इनके प्रधानाध्यापक पद पर हुई पदोन्नति आदेशों में पदोन्नति की तिथि अंकित नही थी। वर्ष 2017-18 में प्रधानाध्यापक पदों पर पदोन्नत हुए वरिष्ठ अध्यापकों को तीन वर्ष के अनुभव का लाभ इसलिए नही माना क्योंकि उनके पदोन्नति आदेशों में पदोन्नति तिथि अंकित नही थी इस वजह से तीन वर्ष का अनुभव होने के बाद भी तिथि नही होने से उन्हें पदोन्नति नहीं किया गया। विभागीय गलती का खमियाजा इन प्रधानाध्यापकों को झेलना पड़ा है। जबकि शिक्षा राज्य मंत्री ने रेसा के पदाधिकारियों को आश्वासन भी दिया था कि प्रधानाचार्य पदों की पदोन्नति से पूर्व उनके पिछले पदोन्नति आदेशों में कार्मिक विभाग के निर्देशों के अनुसार पदोन्नति तिथि अंकित कर २०20-21 में होने वाली पदोन्नति में शामिल किया जाएगा। लेकिन विभाग द्वारा ऐसा नही किए जाने से पात्र होते हुए भी 600 प्रधानाध्यापकों को पदोन्नति में शामिल नही किया जा सका। जिससे स्कूलों में करीब 600 संस्था प्रधान नही मिल पाएंगे तथा ये पद वर्तमान में रिक्त रह जाएंगे।
राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद रेसा के जिलाध्यक्ष संजीव जैन ने पात्र होते हुए भी 17-18 में पदोन्नत एच एम को प्रधानाचार्य पदों की डीपीसी में शामिल नही किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए शिक्षा राज्य मंत्री के आश्वासन को नकारने वाला बताया है। इसके अलावा अभी हाल ही में प्रधानाचार्य से जिला शिक्षा अधिकारी पदों पर पदोन्नत होने से रिक्त हुए 323 प्रधानाचार्य पदों की भी पदोन्नति नही हुई है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 21-22 की डीपीसी भी ड्यू हो चुकी है जिसमें शेष रहे सभी पदों की पदोन्नतियां की जाकर रिक्त पद भरने के प्रयास किए जाएंगे।