परिजनों का कहना है कि चिकित्सकों की गलती से युवक की मौत हुई है। इससे आक्रोशित परिजन व स्वर्णकार समाज के लोग अस्पताल के सामने धरने पर बैठ गए। बाद में पुलिस अधिकारियों की समझाइश पर धरना समाप्त कर दिया। बंगलानगर स्थित विश्वकर्मा मंदिर के पीछे रहने वाले 21 वर्षीय नरेन्द्र पुत्र हरीकिशन सोनी को पेट दर्द के कारण 13 मई को पीबीएम अस्पताल के पास श्रीराम अस्पताल में डॉ. हरीश अग्रवाल को दिखाया। उन्होंने जांच कराने के बाद बताया कि गुर्दे में पथरी है, ऑपरेशन करना होगा। नरेन्द्र को बुखार था। 15 मई को रुपए जमा करवाए गए।
परिजनों का आरोप है कि नरेन्द्र को ऑपरेशन से पहले गलत इंजेक्शन व बेहोशी की दवा व ऑक्सीजन नहीं देने से हालत बिगड़ गई और कोमा में चला गया। इस पर अस्पताल के चिकित्सकों ने नरेन्द्र को जयपुर ले जाने को कहा। नरेन्द्र को जयपुर के इंटरनल अस्पताल में भर्ती कराया। यहां आर्थिक परेशानियों के चलते 29 मई को बीकानेर लाकर पीबीएम अस्पताल के न्यूरो विभाग में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान सोमवार को उसकी मौत हो गई। मृतक के चाचा मनोज व प्रकाश का कहना है कि डॉ. हरीश, डॉ. परवेज व डॉ. सुधीर की गलती से नरेन्द्र की मौत हुई है। दोषी चिकित्सकों की गिरफ्तारी नहीं होगी, तब तक शव नहीं उठाएंगे।
पहले भी हुई है मौते गौरतलब है कि इस निजी अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही से पूर्व में भी मरीज की मौत हो चुकी हैं। करीब साल भर पहले एक महिला मरीज की मौत हो गई थी। इस मामले में पीबीएम के चिकित्सक दोषी पाए गए, जिन्हें एपीओ भी किया गया।
करेंगे जांच डॉ. हरीश अग्रवाल व डॉ. परवेज तनेजा एवं अस्पताल मालिक डॉ. सुधीर चांडक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया है। मामले की जांच कर दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
ऋषिराज सिंह शेखावत, थानाधिकारी, सदर