इस समस्या को लेकर विभाग की सोच है कि क्रमोन्नति से पहले ही अगर स्टाफ की पुख्ता व्यवस्था हो जाए तो शिक्षण व्यवस्था के संचालन में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े। हालांकि विभाग ने पूर्व में ही राजस्थान लोक सेवा आयोग को शिक्षकों के पदों को भरने के लिए अभ्यर्थना भेजी हुई है लेकिन उस पर अभी तक आवेदन मांगने की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई है। गत दिनों शिक्षा निदेशक ने भी क्रमोन्नत स्कूलों की संख्या को लेकर सरकार को अलग-अलग श्रेणी के पदों को भरने के लिए पत्र भी भेजा है।
26 हजार से अधिक का मांगा स्टाफ
एक अनुमान के मुताबिक क्रमोन्नत किए गए स्कूलों में 26 हजार से अधिक पदों का ब्योरा भेजा है। इसमें क्रमोन्नत स्कूलों के अलावा बालिका स्कूलों के लिए भी स्टाफ की व्यवस्था करने को कहा गया है। राज्य के सभी 3 हजार 820 सैकंडरी स्कूलों को सीनियर सैकंडरी स्कूलों में क्रमोन्नत करने के बाद स्टाफ के वर्गीकरण पद मांगे गए हैं। इस संबंध में शिक्षा निदेशक कानाराम ने गत दिनों शिक्षा विभाग के शासन उप सचिव प्रथम को एक पत्र भेजा है।
कई श्रेणी के शिक्षक मांगे
राजकीय माध्यमिक विद्यालय से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत करने के बाद प्रधानाचार्य सहित अन्य श्रेणी के शिक्षक मांगे गए हैं। जानकारी के अनुसार 3433 प्रधानाचार्य, 3433 प्रधानाध्यापक, 10299 विभिन्न विषयों के व्याख्याता, 3433 वरिष्ठ अध्यापक तथा इतने ही पद अध्यापक लेवल-2 के मांगे गए हैं।