सीआइ प्रदीप चारण ने बताया कि कनीराम पहले अमृतसर में सड़क निर्माण कार्य में मजदूरी करता था। वहां नवदीपसिंह, विक्की, कुजदीपसिंह व गुरुसेवक से दोस्ती हो गई। सभी ने अफीम तस्करी की योजना बनाई। अफीम खरीद के लिए बाइक व अन्य सामान गिरवी रखकर रुपए एकत्र कर नागौर आ गए। यहां तस्करी के लिए गाड़ी की जरूरत पड़ी, तो श्रीडूंगरगढ़ से कार किराए पर ली। जयपुर बाइपास पर कार लूट की साजिश रची। वे कार लूटकर नागौर की तरफ भागे और नागौर में कार लावारिस छोड़ पंजाब चले गए।
यह था मामला
13 अक्टूबर की रात श्रीडूंगरगढ़ निवासी खालिद की कार 5 व्यक्ति किराए पर ले गए। कार में दो साथी श्रीडूंगरगढ़ चौराहे और तीन सेसोमूं स्कूल के पास से सवार हुए। बीकानेर में जयपुर बाइपास के पास उन्होंने चालक से मारपीट की। आरोपितों ने चालक की आंखों में मिर्ची डाल झाडिय़ों में घसीट ले गए, हाथ-पैर बांध पटक गए।