ग्रामीणों ने पत्रिका को बताया कि शाम करीब ६ बजे गोशाला में गायों के मुंह से झाग निकलने शुरू हुए। थोड़ी ही देर में गायों ने तड़प-तड़पकर दम तोडऩा शुरू कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और पशु चिकित्सकों को सूचना दी। गोशाला में करीब डेढ़ सौ गोवंश को रखा हुआ है। ग्रामीण राजेन्द्र सिंह ने बताया कि रात 11 बजे तक 65 गाय, बछड़े-बछडि़यां दम तोड़ चुके थे।
बीकानेर वेटरनरी यूनिवर्सिटी से पशु चिकित्सक पहुंचे सेरूणा थानाधिकारी श्याम सुन्दर ने मौके से बताया कि श्रीडूंगरगढ़ से पशु चिकित्सक पहुंच गए हैं। बीकानेर वेटरनरी यूनिवर्सिटी से भी चिकित्सकों के दल को बुलाया गया है। ग्रामीण मृत गोवंश का पोस्टमार्टम करवाकर जांच करने की मांग कर रहे हैं। पशुओं को खिलाए चारे में किसी ने जहरीला पदार्थ मिलाया या अन्य कोई कारण रहा, इसकी जांच की जा रही है।