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गरीबी की मार: अभावों में जिंदगी गुजारने को मजबूर है ये परिवार

locationबीकानेरPublished: Jan 31, 2018 01:41:36 pm

Submitted by:

dinesh kumar swami

70 वर्ष बाद भी गरीब अभावों की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। इस तेज सर्दी में एक गरीब परिवार खुले आसमान तले अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं।

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गरीबी

हेमेरां. आजादी के 70 वर्ष बाद भी गरीब अभावों की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। इस तेज सर्दी में एक गरीब परिवार खुले आसमान तले अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। रुणिया बड़ाबास का माली देवी नायक का परिवार सरकारी सहायता से कोसों दूर बदहाली का जीवन जीने को मजबूर हैं।
परिवार में कोई कमाने वाला नही है। मुखिया लूणाराम नायक की असमय मौत के बाद गृहस्थी कि गाड़ी चलाने वाला कोई नही है। एक बूढ़ी सास व दो लड़के हनुमान व सोहन जो 7 व 9 साल के है। एक लड़की है। तीनों ही बच्चे गरीबी के कारण विद्यालय नहीं जा पा रहे हैं। माली देवी व सास पुष्पा देवी दोनों ही विधवा है पर किसी भी प्रकार की पेंशन भी नही मिल रही। बीपीएल चयनितों की सूची में भी इनका नाम नही है।
केंद्र सरकार द्वारा 2 रुपये किलो गरीबों को मिलने वाले राशन की खाद्य सुरक्षा की सूची में भी इनका नाम नहीं है। गरीब परिवार खुले आसमान के नीचे कम्बल के तंबू में जीवन बसर करने को मजबूर हैं इस परिवार को अभी तक किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नही मिला है।
इस परिवार के बारे में जानकारी करवा कर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाएंगे ओर पेन्शन जैसी सुविधा दिलवाने का प्रयास करेंगे।
कैलाश चौधरी, विकास अधिकारी

माली देवी का परिवार खुले आसमान के नीचे जीवन बसर कर रहा है। जनप्रतिनिधियों को इस बारे में अवगत करवाया है।
मुकता सारस्वत, सरपंच रुणिया बड़ा बास।
श्रीमाली का अभिनंदन
बीकानेर . अखिल भारतीय इतिहास योजना की तेलंगाना समिति की ओर से 27 एवं 28 जनवरी को हैदराबाद में एक राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया। इसमें योजना के राष्ट्रीय लेखक प्रमुख जानकीनारायण श्रीमाली ने थार रेगिस्तान में सरस्वती नदी तथा रातीघाटी युद्ध एक राष्ट्रीय गौरव विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्रीमाली ने एक सत्र की अध्यक्षता भी की। इस अवसर पर जानकीनारायण श्रीमाली का अभिनन्दन भी किया गया। कार्यक्रम में डॉ. आनन्द सिंह बीठू और डॉ. चक्रवर्ती नारायण श्रीमाली ने भी भाग लिया।
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