इस पर आसपास की आठ गोशालाओं के पशुओं की चिकित्सा का भी जिम्मा है। सप्ताह में एक दिन गोशाला विजिट रहता है। एकमात्र पशु चिकित्सक को अस्पताल में रहकर यहां आने वाले पशुओं का उपचार करे या आउट विजिट में पशुओं का उपचार करे। यहां पशु चिकित्सा सहायक, पशुधन सहायक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पद लम्बे समय से रिक्त चल रहा है।
पशु चिकित्सक के बाहर आपातकालीन स्थिति पर जाने या अवकाश पर होने पर कोई भी नही है जो असप्ताल में पशुपालकों के पशुओं का उपचार कर सके। सोमवार को कस्बे के कैलाश व्यास व शिव व्यास चोटिल गाय के उपचार की लिए पशु अस्पताल लेकर आए। जहां दवा लगाने के बाद बांधने के लिए कॉटन व बैंडेज तक उपलब्ध नहीं हुई।
सहायक कर्मचारियों ने बताया कि बैंडेज उपलब्ध नही है। इस पर पशुपालकों ने रोष जताया। पशु चिकित्सक डॉ. राजेश ज्याणी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि दवा उपलब्ध है। कॉटन व बैंडेज अभी खत्म है। इनकी डिमांड जिला भंडार गृह में भेजी है।
इनका कहना है
नापासर पशु चिकित्सालय में बैंडेज अगर खत्म हो चुकी है तो पता कर भिजवा देते हैं। अस्पताल में रिक्त पदों का मामला राज्य सरकार स्तर का है। इसमें जनप्रतिनिधि ही सहयोग करवा सकते हैं।
डॉ पूनमचन्द शर्मा, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग बीकानेर।