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लत छोडऩे के फेर में नशीली दवाइयों के आदी

locationबीकानेरPublished: Aug 13, 2018 08:14:34 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

सरकार का आमजन को सस्ता व बेहतर इलाज मुहैया कराने का उद्देश्य विफल साबित होता नजर आ रहा है। अब कुछ लोग सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली कई दवाओं का उपयोग नशे के तौर पर करने लगे हैं।

Medicines

Painkiller Killing the Body

बीकानेर.सरकार का आमजन को सस्ता व बेहतर इलाज मुहैया कराने का उद्देश्य विफल साबित होता नजर आ रहा है। अब कुछ लोग सरकारी अस्पतालों में मिलने वाली कई दवाओं का उपयोग नशे के तौर पर करने लगे हैं। लोग दर्द निवारक दवा के आदी होने से वे इसे नशे के रूप में लेने लगे हैं। डोडा-पोस्त व नशा करने वाले लोग सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क मिलने वाली दर्द निवारक गोलियां ले रहे हैं।
इससे इन दवाइयों की खपत बढऩे और लोगों के मानसिक रोगी होने के मामले सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमें के अधिकारी इसे अनदेखा कर रहे हैं। पीबीएम अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक पिछले सालों की तुलना में इस साल दर्द निवारक दवाइयों की खपत में ३० से ३५ प्रतिशत तक बढ़ गई है, जो सात गुना से भी अधिक है। दर्द निवारक दवाओं का सेवन करने के लोग मानसिक रोग के शिकार भी हो रहे हैं।
लगातार सेवन से आदी
सरकार की ओर से ‘नया सवेराÓ कार्यक्रम के तहत डोडा-पोस्त, शराब सहित अन्य नशा छुड़वाने के लिए एेसे लोगों को नि:शुल्क दवा के नाम पर दर्द निवारक गोलियां देना शुरू किया। अफीम व डोडा-पोस्त छोडऩे के समय नशेड़ी दिन में अधिकतम तीन गोली लेते थे, लेकिन शिविरों के बाद उनका दर्द कम नहीं हुआ तो उन्होंने गोलियों की संख्या बढ़ा दी। अब वे दिन में १० से १५ गोलियां ले रहे है। पीबीएम के मानसिक रोग विभाग में टोमाडॉल, ब्यू्रननोरफेन, टॉक्सीवॉन दर्द निवारक दवाओं के आदी ज्यादा पहुंच रहे हैं।
इन दवाओं की बढ़ रही खपत
दर्द निवारक दवा के रूप में डाइक्लो पैरासिटामॉल, डाइक्लो फैनेक 50 एमजी, आइब्यू पैरासिटामॉल, आइब्यू 200 एमजी, आइब्यु 400 एमजी, ऐसीलोफेनेक पैरासिटामॉल की खपत बढ़ी है।

बढ़ता है अवसाद
दर्द निवारक गोलियों के अधिक एवं लगातार सेवन से मानसिक रोग व अवसाद बढ़ता है। लगातार सेवन से दर्द निवारक गोलियां किडनी व लीवर पर असर करती हैं। डोडा-पोस्त छोडऩे के बाद नशेडि़यों को दर्द निवारक गोलियों की लत सी लग गई है। कई लोग तो बिना परामर्श के ही दर्द निवारक गोलियां ले लेते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए सही नहीं हैं।
डॉ. केके वर्मा, विभागाध्यक्ष, मानसिक रोग एवं नशामुक्ति, पीबीएम अस्पताल

बीकानेर के युवक को किया राउंडअप

बीकानेर. टिब्बी. नशे के लिए उपयोग में लिए जाने कैप्सूल के साथ पकड़े गए युवक की निशानदेही पर पुलिस ने बीकानेर के एक युवक को राउंडअप किया है, जिससे पूछताछ की जा रही है। जांच अधिकारी तलवाड़ा झील एसएचओ रघुवीरसिंह बीका ने बताया कि गुरुवार को नशे के ११० कैप्सूल के पैकेट के साथ टिब्बी के वार्ड नंबर १२ निवासी मांगीलाल पुत्र कानाराम मेघवाल को गिरफ्तार किया गया था। उसने पूछताछ में बीकानेर के पीबीएम अस्पताल के सामने एक दुकान से इन्हें खरीदना स्वीकार किया था। उसकी निशानदेही पर रविवार को बीकानेर से ऋषि कुमार को राउंडअप किया है।

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