इस तकनीक से समय, धन की बचत के साथ जोखिम भी कम होता है। यह कहना है यूके के एनएचएस के एनेस्थीसिया डॉ. समरेश दास का, जो बीकानेर में होने वाली एनेस्थीसिया कांफ्रेंस में भाग लेने आए हैं। आपको बता दे कि डॉ. समरेश दास ने बीकानेर के मेडिकल कॉलेज से ही मेडिकल पढ़ाई की है।
दिल्ली एम्स के बाद बीकानेर में संचालित
डॉ. दास बताते हैं कि पारक्यूटोनस ट्रॉक्यूस्टोमी तकनीक से वेंटीलेटर पर लेटे मरीज के गले के पास छोटा छेद कर नली फैफड़े तक पहुंचाई जाती है। इससे मरीज के ऑपरेशन की जरूरत नहीं होती। एनेस्थिसिया में अब आईसीयू, पेन निवारक क्लिनिक के साथ पेलिएटिव केयर भी जोड़ा है। बीकानेर के लिए अच्छी बात है कि दिल्ली के एम्स के बाद बीकानेर में पेलिएटिव केयर संचालित है।
डॉ. दास बताते हैं कि पारक्यूटोनस ट्रॉक्यूस्टोमी तकनीक से वेंटीलेटर पर लेटे मरीज के गले के पास छोटा छेद कर नली फैफड़े तक पहुंचाई जाती है। इससे मरीज के ऑपरेशन की जरूरत नहीं होती। एनेस्थिसिया में अब आईसीयू, पेन निवारक क्लिनिक के साथ पेलिएटिव केयर भी जोड़ा है। बीकानेर के लिए अच्छी बात है कि दिल्ली के एम्स के बाद बीकानेर में पेलिएटिव केयर संचालित है।
जल्द शुरू होगा पेलिएटिव केयर सेंटर
एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. अनिता पारीक बताती हैं कि पीबीएम में अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित पेन निवारण क्लिनिक पहले आउटडोर में चलता था, अब ऑपरेशन थियेटर में चलता है। बीकानेर में कैंसर अस्पताल के पास बन रहेपेलिएटिव केयर सेंटर शीघ्र ही चालू होगा, जो पूरी तरह से एनेस्थिसिया विभाग के अधीन रहेगा। हाल ही में एमसीआई, सिंगापुर के दल ने निरीक्षण भी किया है।
एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. अनिता पारीक बताती हैं कि पीबीएम में अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित पेन निवारण क्लिनिक पहले आउटडोर में चलता था, अब ऑपरेशन थियेटर में चलता है। बीकानेर में कैंसर अस्पताल के पास बन रहेपेलिएटिव केयर सेंटर शीघ्र ही चालू होगा, जो पूरी तरह से एनेस्थिसिया विभाग के अधीन रहेगा। हाल ही में एमसीआई, सिंगापुर के दल ने निरीक्षण भी किया है।
क्या है पेलिएटिव केयर
मरीजों की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक जरूरत संबंधी समस्याओं को पूरा करने के प्रयास को पेलिएटिव केयर कहा जाता है। मरीज को घर पर भी उपचार दिया जाता है। परिजनों का मार्गदर्शन किया जाता है।
मरीजों की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक जरूरत संबंधी समस्याओं को पूरा करने के प्रयास को पेलिएटिव केयर कहा जाता है। मरीज को घर पर भी उपचार दिया जाता है। परिजनों का मार्गदर्शन किया जाता है।
जनरल एनेस्थीसिया : मरीज को विभिन्न दवाएं देकर बेहोश करते हैं। बेहोश होते ही उसके मुंह पर मास्क लगाकर ऑक्सीजन दी जाती है। फिर लेरिंजोस्कोप यंत्र से मुंह में रोशनी करके सांस नली देखते हैं।
एनेस्थीसिया पर सेमिनार आज से
बीकानेर. इंडियन सोसायटी ऑफ एनेस्थीसियोलॉजिस्ट के बैनर तले राजस्थान चेप्टर की दो दिवसीय कांफ्रेन्स २० इसाकोन-२०१८ शनिवार से शुरू होगी। उद्घाटन समारोह दोपहर एक बजे होगा। कांफ्रेंस की चेयरपर्सन डॉ. अनिता पारीक ने बताया कि मुख्यअतिथि राजस्थान आयुर्विज्ञान विवि जयपुर के वाइस चांलसर डॉ. राजाबाबू पंवार, विशिष्टअतिथि कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरपी अग्रवाल, डॉ. कुचेला बाबू, डॉ. वेंकटा गिरी, डॉ. सुरेश भार्गव होंगे। अध्यक्षता स्टेट प्रेसीडेंट डॉ. प्रदीप भाटिया करेंगे।
बीकानेर. इंडियन सोसायटी ऑफ एनेस्थीसियोलॉजिस्ट के बैनर तले राजस्थान चेप्टर की दो दिवसीय कांफ्रेन्स २० इसाकोन-२०१८ शनिवार से शुरू होगी। उद्घाटन समारोह दोपहर एक बजे होगा। कांफ्रेंस की चेयरपर्सन डॉ. अनिता पारीक ने बताया कि मुख्यअतिथि राजस्थान आयुर्विज्ञान विवि जयपुर के वाइस चांलसर डॉ. राजाबाबू पंवार, विशिष्टअतिथि कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरपी अग्रवाल, डॉ. कुचेला बाबू, डॉ. वेंकटा गिरी, डॉ. सुरेश भार्गव होंगे। अध्यक्षता स्टेट प्रेसीडेंट डॉ. प्रदीप भाटिया करेंगे।