बच्चे स्कूल जाने के बजाए भीख मांगकर पैसा लाते हैं। हालांकि 16 वर्ष से लागू किशोर न्याय अधिनियम में बच्चों से भीख मंगवाने पर सजा का प्रावधान हैं। जिम्मेदार अधिकारियों में कार्रवाई के नाम दो दिन पहले एक पिता को गिरफ्तार किया गया। जबकि भीख मंगवाने वाले परिजनों की संख्या हजारों में हैं।
और जब पकड़ जाएं तो ऐसे छुडवा लेते हैं
चौराहों पर भीख मांगने वाले करीब 90 फीसदी बच्चे स्कूलों में पंजीकृत हैं। माता-पिता, सत्र की शुरूआत में ही इनका दाखिला किसी सरकारी स्कूल या मदरसे में करवा देते हैं।
ताकि अगर कभी पुलिस बच्चे को पकड़ भी ले तो बाल कल्याण समिति में स्कूल का दस्तावेज दिखाकर बच्चे को छुड़वा सके। शनिवार को भीख मांगते पकड़े गए दोनों बच्चों का स्कूल का दस्तावेज परिजनों ने सोमवार को बाल कल्याण समिति में पेश किया।
बता दें कि 4530 परिवार रहते हैं राजधानी में फुटपाथों पर जबकि इसे लेकर याचकों की संख्या 20298 है।