
बीकानेर. चार दिवसीय छठ पूजा पर्व की पूर्णाहुति शुक्रवार को हुई। छठ पूजा व्रतियों ने व्रत-पूजा के चौथे दिन पवित्र सरोवरों व जलकुण्डी में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। विविध पूजन सामग्री से पूजा-अर्चना की। घर-परिवार के बड़े बुजुर्गों से आशीर्वाद प्राप्त किया। व्रत के 36 घंटे बाद व्रतियों ने जल, फल और अन्न ग्रहण कर व्रत का पारणा किया। इस दौरान सागर िस्थत देवीकुण्ड सागर तालाब, गोपेश्वर बस्ती िस्थत भादाणी तलाई सहित विभिन्न स्थानों पर छठ व्रतियों ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। छठी मैया का पूजन किया। प्रसाद का वितरण हुआ।सरस्वती पूजा समिति से जुड़े देवेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि देवीकुण्ड सागर तालाब परिसर में हवन में आहूतियां दी गई। यहां प्रात: 4 बजे से पारंपरिक गीत-नृत्यों का क्रम प्रारंभ हो गया। पांडाल में अस्थायी रूप से स्थापित भगवान सूर्य की प्रतिमा का दर्शन-पूजन हुआ। बड़ी संख्या में छठ व्रतियों के परिवार के सदस्यों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
सूरसागर के पास िस्थत माताजी मंदिर परिसर में भी छठ व्रतियों ने जल में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया व पूजा-अर्चना कर व्रत का पारणा किया। शहर में विभिन्न स्थानों पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने और पूजन के आयोजन हुए। छठ व्रती परिवारों में खुशी और उल्लास का माहौल रहा। घरों में पारंपरिक रूप से चावल, चने की दाल सहित विभिन्न तरह की सब्जियां, व्यंजन बनाए गए। छठ पूजा पर्व 5 नवम्बर को नहाय खाय के साथ प्रारंभ हुआ था। 6 नवम्बर को खरना मनाया गया। 7 नवम्बर को शाम को अस्त होते सूर्य का पूजन छठ व्रतियों ने किया।
Published on:
08 Nov 2024 11:40 pm
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