यूं आया पकड़ में ठगी के आरोपितों की धरपकड़ के लिए उपनिरीक्षक मोटाराम के नेतृत्व में हैड कांस्टेबल हनुमान सिंह, कांस्टेबल सूर्यप्रकाश की टीम गठित की गई। जिन खातों में रुपए डलवाए गए, उनके आधार पर यह टीम सवाईमाधोपुर गई। ठगों ने सुमित से जिन बैंक खातों में रुपए जमा करवाए हैं उनमें एक खाता रामसंतोष मीणा के नाम से करौली जिले के सपोटरा में, दूसरा राजेश कुमार मीणा के नाम से दौसा के सिकराय में तथा तीसरा बैंक खाता भरतराम मीणा के नाम से करौली जिले के टोडाभीम में है। इन्हीं बैंक खाता नम्बरों के आधार पर पुलिस ठगों तक पहुंची।
ठगी करने वाली गैंग हैं पूरी पुलिस अधिकारी बनकर आमजन के साथ ठगी करने वाला एक गिरोह प्रदेश में चल रहा है। इस गिरोह ने जयपुर में कॉल सेन्टर खोल रखा है। पकड़े गए युवक ने पुलिस को बताया कि उसने तो खातों में जमा राशि निकालना शुरू कर दिया। जिसकी एवज में उसे कुछ रुपए मिलने थे। ठगी गिरोह का सरगना सुनील कुमार बताया जा रहा है। पुलिस आरोपित देशराज के अन्य साथियों को भी तलाश रही है। पुलिस जांच में यह भी पता चला कि गैंग में शामिल एक युवक आवाज बदलने में माहिर है। उसी युवक ने जेएनवीसी थाने में बेसिक फोन पर कॉल करते हुए स्वयं को सिटी एएसपी पवन कुमार मीणा बतातकर नजदीकी पेट्रोलपंप संचालक से बात कराने के निर्देश सिपाही को दिए।
यह है मामला
सागर रोड निवासी सुमित पंजाबी ने जेएनवीसी थाने में सोमवार को रिपोर्ट दी कि उसके मोबाइल पर एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने एडिशनल एसपी के बच्चों की कोटा में फीस जमा कराने के लिए 60 हजार रुपए मांगे। इसके लिए तीन बैंक एकाउंट नम्बर दिए। आरोपितों ने सुमित के मोबाइल नम्बर पर वाट्सअप मैसेज किया कि रुपए वापस आपके खाते में ट्रांसफर कर दिए जो शाम तक जमा हो जाएंगे, लेकिन रुपए जमा नहीं हुए। इस पर पीडि़त को ठगी होने का अहसास हुआ।