scriptकम उपस्थिति वाले चिकित्सकों पर गिर सकती है गाज | Assistant director asks for biometric attendance | Patrika News

कम उपस्थिति वाले चिकित्सकों पर गिर सकती है गाज

locationबीकानेरPublished: Jan 03, 2018 08:58:25 am

सहायक निदेशक ने मांगी बायोमेट्रिक हाजिरी की रिपोर्ट, एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने मांगा विभागाध्यक्षों से ब्योरा

 biometric attendance
चिकित्सकों के ड्यूटी के समय गायब होने एवं ड्यूटी पर देरी से पहुंचने जैसी शिकायतों पर लगाम कसने के लिए विभाग ने बायोमेट्रिक हाजिरी सिस्टम शुरू करवाया था। अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहायक निदेशक ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल एवं सीएचसी व पीएचसी से चिकित्सकों की बायोमेट्रिक हाजिरी की रिपोर्ट मांगी है।
हाजिरी के रिकॉर्ड की सूची में आने के बाद कम उपस्थिति वाले चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई का कदम उठाया जाएगा। वहीं पहले स्थानीय स्तर पर चिकित्सकों से जवाब तलब किया जाएगा। प्रदेश में मेडिकल कॉलेज सहित जिला अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर बायोमेट्रिक मशीन लगाई गई थी।
यह व्यवस्था इसलिए की गई थी कि हाजिरी के बाद ड्यूटी से गायब होने वाले चिकित्सकों का पता लगाया जा सके और उन पर लगाम लगाई जा सके। वहीं एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरपी अग्रवाल ने सभी विभागाध्यक्षों की बैठक लेकर तीन दिन बायोमेट्रिक हाजिरी का रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
निरीक्षण में नदारद
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कई बार स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण किया था, इस दौरान चिकित्सक व स्टाफ नदारद मिला। सूत्रों के अनुसार बायोमेट्रिक हाजिरी के रिकॉर्ड के साथ ऐसे चिकित्सक व स्टाफ की जानकारी भी भिजवाई जाएगी, जो निरीक्षण के दौरान ड्यूटी पर नहीं मिले और इन्होंने इस संदर्भ में क्या स्पष्टीकरण दिया।
सरकार को भेजेंगे रिपोर्ट
सरकार चिकित्सकों की उपस्थिति को लेकर गंभीर है। बायामेट्रिक हाजिरी का पूरा रिकॉर्ड सभी विभागाध्यक्षों से मांगा गया है। इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद इसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
डॉ. आरपी अग्रवाल, एसपी मेडिकल कॉलेज, बीकानेर
एनएमसी के विरोध में यूजी छात्रों का प्रदर्शन
एसपी मेडिकल कॉलेज के यूजी छात्रों ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) का विरोध किया है। इस संदर्भ में मंगलवार को एसपी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरपी अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ज्ञापन में कहा कि यह बिल एमसीआई एवं आईएमसी एक्ट 1956 के सेक्शन-15 दोनों को खत्म करता है।
यूजी छात्र धर्मेन्द्र ने बताया कि मॉडर्न मेडिसिन में प्रैक्टिस के लिए न्यूनतम योग्यता एमबीबीएस होना जरूरी था। एनएमसी बिल के अनुसार आयुष चिकित्सक भी कुछ महीने का कोर्स करके प्रैक्टिस कर सकेंगे। इसके अलावा एमबीबीएस कर रहे छात्रों के आगामी एग्जाम एनएमसी के हाथ में होगा। प्रदर्शन में संजय, रोहित, खेमचंद, धर्मेन्द्रसिंह, प्रकाश, मोहित, पंकज, योगेश, श्यामसुंदर आदि शामिल थे।

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