कार्यक्रम में सरकारी नुमाइंदों की कार्यशैली को लेकर नोखा प्रधान कन्हैयालाल सियाग कुछ ज्यादा ही असंतुष्ट नजर आए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की इच्छा है कि हर गरीब व जरुरतमंद तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचना चाहिए लेकिन अधिकारी विभिन्न तरह के नियमों का हवाला देकर लोगों को इधर-उधर घूमाते रहते हैं। सियाग ने चेताया कि अब सरकार के प्रति सकारात्मक सोच रखकर उनको काम करना होगा। सरपंच सवाईसिंह चरकड़ा ने विद्युत निगम के अधिकारियों पर ग्रामीणों को बिजली कनेक्शन के लिए चक्कर कटवाने की बात कही। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सुरजाराम ने बेटियों को शिक्षित करने, उनको योजनाओं का लाभ दिलाने की बात कही। कार्यक्रम में संबंधित विभागों के अधिकारी, ग्रामीण उपस्थित थे। एसडीएम केएल सोनगरा ने ग्रामीण एईएन से बिजली कनेक्शन के आवेदन जमा करने और नियमों में सरलीकरण की बात कही। उन्होंने अधिकारियों व कार्मिकों को सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही नहीं करने के निर्देश दिए।
लिया फीडबैक
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा, उज्जवला योजना, स्किल इंडिया, सौभाग्य विद्युत योजना आदि के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दी गई। साथ ही योजनाओं का धरातल पर कितने लोगों को फायदा मिल रहा है, इसके बारे में फीडबैक भी लिया गया। ब्यूरो के क्षेत्रीय प्रसार अधिकारी मुरारी गुप्ता ने कहा कि फील्ड आउटरीच ब्यूरो द्वारा उरमूल संस्था के सहयोग से नोखा क्षेत्र की चरकड़ा, दावा, रायसर और रोड़ा पंचायतों से केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर फीडबैक लिया है। इस फीडबैक को ऑनलाइन पीएमओ के पोर्टल पर भेजेंगे।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा, उज्जवला योजना, स्किल इंडिया, सौभाग्य विद्युत योजना आदि के बारे में ग्रामीणों को जानकारी दी गई। साथ ही योजनाओं का धरातल पर कितने लोगों को फायदा मिल रहा है, इसके बारे में फीडबैक भी लिया गया। ब्यूरो के क्षेत्रीय प्रसार अधिकारी मुरारी गुप्ता ने कहा कि फील्ड आउटरीच ब्यूरो द्वारा उरमूल संस्था के सहयोग से नोखा क्षेत्र की चरकड़ा, दावा, रायसर और रोड़ा पंचायतों से केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर फीडबैक लिया है। इस फीडबैक को ऑनलाइन पीएमओ के पोर्टल पर भेजेंगे।
पहले पति की मौत, अब बच्ची बीमार
कार्यक्रम के दौरान पीडि़ता शारदा मेघवाल ने एसडीएम को बताया कि आठ माह पहले बीमारी से उसके पति की मौत हो चुकी है। अब छोटी बेटी पूनम तपेदिक रोग से पीडि़त है। उसके पांच बच्चे है और आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण परिवार को पालना मुश्किल हो रहा है। उसे किसी तरह की सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं ८० वर्षीय पन्नाराम मेघवाल ने बताया कि उसकी वृद्धावस्था पेंशन गत आठ माह से नहीं मिल रही है। इसके लिए वह कई बार चक्कर लगा चुका है, कोई सुनवाई नहीं कर रहा है।
कार्यक्रम के दौरान पीडि़ता शारदा मेघवाल ने एसडीएम को बताया कि आठ माह पहले बीमारी से उसके पति की मौत हो चुकी है। अब छोटी बेटी पूनम तपेदिक रोग से पीडि़त है। उसके पांच बच्चे है और आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण परिवार को पालना मुश्किल हो रहा है। उसे किसी तरह की सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं ८० वर्षीय पन्नाराम मेघवाल ने बताया कि उसकी वृद्धावस्था पेंशन गत आठ माह से नहीं मिल रही है। इसके लिए वह कई बार चक्कर लगा चुका है, कोई सुनवाई नहीं कर रहा है।