कस्बे सहित आस-पास के करीब ५० से ६० किलोमीटर दूरी पर दुर्घटना, प्रसव सहित अन्य समस्याओं के लिए १०८ या १०४ पर जब आमजन द्वारा कॉल किया जाता है तो जवाब मिलता है कि गाड़ी खराब है तो आमजन को निजी गाड़ी से बज्जू व बाद में गंभीर समस्या होने पर बीकानेर जाना पड़ता है। बड़ी समस्या को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौन बने हुए है।
एक दशक पुरानी
कस्बे में एक १०८ आज करीब एक दशक से बनी हुई है जो इन दिनों लगभग खटारा हो चुकी है,मगर फिर भी विभाग इस गाड़ी को खटारा घोषित नही कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब एक दशक पूर्व इस गाड़ी को बज्जू में लगाया गया जो क्षेत्र की जर्जर सड़कों पर चलने व एक दशक होने से लगभग खटारा हो चुकी है,मगर विभाग इसे खटारा घोषित नही कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि इस गाड़ी की स्थिती इतनी खराब है कि यह एक फेरा भी पुरा नही कर पा रही है और हर बार बीच रास्ते में ही ठप हो जाती है।
कस्बे में एक १०८ आज करीब एक दशक से बनी हुई है जो इन दिनों लगभग खटारा हो चुकी है,मगर फिर भी विभाग इस गाड़ी को खटारा घोषित नही कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि करीब एक दशक पूर्व इस गाड़ी को बज्जू में लगाया गया जो क्षेत्र की जर्जर सड़कों पर चलने व एक दशक होने से लगभग खटारा हो चुकी है,मगर विभाग इसे खटारा घोषित नही कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि इस गाड़ी की स्थिती इतनी खराब है कि यह एक फेरा भी पुरा नही कर पा रही है और हर बार बीच रास्ते में ही ठप हो जाती है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ.़ सत्यनारायण ने बताया कि तीन में दो गाड़ी ड्राइवर के अभाव में हर समय अस्तपाल में खड़ी रहती है, इस सबंध में सबंधित विभाग को अवगत करवाया जा रहा है। ग्रामीण गणपतराम विश्नोई ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधि कस्बे की समस्याओं को लेकर और १०८ की समस्या को लेकर मौन रहते हैं।