बीकानेर

फाउंडेशन कमजोर, बालू रेत भरकर खानापूर्ति

फाउंडेशन कमजोर, बालू रेत भरकर खानापूर्ति

बीकानेरJun 13, 2021 / 09:07 pm

Atul Acharya

फाउंडेशन कमजोर, बालू रेत भरकर खानापूर्ति

महाजन. भारतमाला सड़क परियोजना के तहत अमृतसर से कांडला तक एनएच ७५४ के एक्सप्रेस वे निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी के चलते दस दिन पूर्व हुई तेज बारिश से सड़क जगह-जगह से पानी के साथ बह गई। हालांकि निर्माण कार्य करने वाली कम्पनी ने सड़क को ठीक करने का कार्य शुरू कर रखा है लेकिन इसमें भी वापस मिट्टी ही भरने से मानसून की बारिश में यह सड़क वापस बहने का अंदेशा बना है। गौरतलब है कि साबणियां, जैतपुर, चक नोहड़ा, छिल्लां, शेरपुरा, कपूरीसर के आसपास से यह एक्सप्रेस वे निकल रहा है। इसके निर्माण का कार्य गत एक साल से चल रहा है। जैतपुर, शेरपुरा व कपूरीसर के बीच सड़क बन चुकी है। जमीन से करीब 6-१० फीट ऊंचाई लेकर बने रहे इस एक्सप्रेस वे में कम्पनी द्वारा गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। फाउंडेशन कमजोर होने व रेत से बना होने के कारण एक तेज बारिश भी नहीं झेल पाया है। गत तीन जून को हुई बारिश ने केन्द्र सरकार के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की पोल खोलकर रख दी। फिलहाल टूटी सड़क व पुलियों का निर्माण सम्बंधित कम्पनी द्वारा आनन-फानन में किया जा रहा है।

कई जगह सड़क टूटी
शनिवार को जब पत्रिका प्रतिनिधि ने मौके पर पहुंचकर देखा तो मशीनों व ट्रैक्टरों द्वारा वापस बालू रेत भरकर खानापूर्ति हो रही थी।कई जगह सड़क अभी भी टूटी है। अधिकतर सड़क पॉइन्ट ११५ से १२० के बीच टूटी थी। जिसके निर्माण का जिम्मा राजश्यामा कंस्ट्रक्शन कम्पनी के पास है।
इस कम्पनी का प्लाण्ट महाजन-सरदारशहर लिंक रोड़ पर ढाणी छिल्लां के पास स्थित है। जैतपुर प्लाण्ट में काम लिया जा रहा है। खारा पानी एक्सप्रेस वे के पॉइन्ट नम्बर ८८ से ११५ तक निर्माण का जिम्मा
कृष्णा कंस्ट्रक्शन नामक कम्पनी के पास है। जिसका प्लाण्ट अरजनसर-पल्लू मेगा हाइवे पर टोल नाके के पास लगा है।
गुणवत्ता पर सवालिया निशान
सड़क निर्माण में जो पानी काम लिया जा रहा है। वह खारा होने से सड़क जल्दी खराब होने का अंदेशा है। टयूबवैल के इसी खारे पानी से सीमेण्ट के ब्लॉक आदि बनाकर लगाए जा रहे है जिनकी गुणवत्ता पर सवालिया निशान लग रहा है।
नहीं पता था कि इतनी बारिश होती है
&कम्पनी गुणवत्ता के साथ समझौता नहीं करती। पहले हमें पता नहीं था कि इतनी तेज बारिश इस रेगिस्तान में होती है। निर्माण में जो पानी काम लिया जा रहा है वह लैब टेस्टिंग में सही है।
सोनू, कॉन्ट्रेक्टर कृष्णा कंस्ट्रक्शन कम्पनी
गाइडलाइन की अनदेखी
कोरोना गाइडलाइन भी बनी मजाक प्लाण्ट में काम करने वाले कर्मचारियों व सैकड़ों श्रमिकों को देखने पर साफ पता चल रहा था कि कोरोना गाइडलाइन का भी पालन नहीं हो रहा है। सोशल डिस्टेंस तो दूर अधिकत्तर कर्मचारियों व श्रमिकों ने मास्क भी लगाना उचित नहीं समझा। जिससे कोरोना के संक्रमण का खतरा बना है।

टूटी सड़क को ठीक कर दिया है
&टूटी सड़क को वापस ठीक कर दिया गया है। अभी इस पर ऊपर का काम बाकी है। अगले हफ्ते से हमारी टीम बढ़ जाएगी एवं हम इसे एकदम पैक कर देंगे।
निशांत त्यागी, कॉन्ट्रेक्टर राजश्याम कंस्ट्रक्शन कम्पनी।

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