हादसे के बाद लोगों की भीड़ लग गई। उन्होंने पुलिस व १०८ एम्बुलेंस को सूचना दी। एम्बुलेंस तय समय पर पहुंच भी गई और घायल को लेकर लूणकरनसर के सीएचसी पहुंच गई। वहां घायल को प्राथमिक उपचार के बाद बीकानेर के पीबीएम अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में हंसेरा गांव के पास एम्बुलेंस का टायर फट गया। एेसे में करीब पौन घंटे तक घायल एम्बुलेंस में ही तड़पता रहा और उसकी मौत हो गई।
नहीं हो सकी व्यवस्था: हंसेरा से लूणकरनसर महज आठ किलोमीटर दूर था, लेकिन दूसरी एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं हो पाई। ऐसे में पुलिस, ग्रामीणों और परिजनों ने निजी एम्बुलेंस को बुलाया, लेकिन तब तक काफी देर हो गई।
कोई सुविधा नहीं: ग्रामीणों के अनुसार गांवों से घायलों को लाने वाली १०८ सेवा की एम्बुलेंस गाडिय़ों का बुरा हाल है। इनमें सुविधा नाम पर कुछ नहीं है। गाडिय़ां आए दिन बंद हो जाती हैं। हादसे के दौरान गाडिय़ां समय पर नहीं पहुंचती। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और प्रशासन को भी बताया गया, लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है। वहीं मृतक के भाई नरपत सिंह ने बताया कि गाड़ी खराब नहीं होती और दूसरी गाड़ी समय पर आ जाती तो भाई की जान बच सकती थी।
लेंगे स्पष्टीकरण
लूणकरनसर क्षेत्र में हुई घटना के बाद १०८ एम्बुलेंस खराब होने की सूचना मिली है। इस बारे में कंपनी के स्थानीय प्रतिनिधि से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। नियमानुसार कार्रवाई भी करेंगे।
डॉ. बीएल मीणा, सीएमएचओ
लूणकरनसर क्षेत्र में हुई घटना के बाद १०८ एम्बुलेंस खराब होने की सूचना मिली है। इस बारे में कंपनी के स्थानीय प्रतिनिधि से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। नियमानुसार कार्रवाई भी करेंगे।
डॉ. बीएल मीणा, सीएमएचओ
करा दी थी व्यवस्था
घायल की मौत का दुख है। गाड़ी का टायर ठीक था, लेकिन अचानक वह फट गया। दूसरी गाड़ी की व्यवस्था करा दी गई थी।
प्रखर दीक्षित, जिला प्रभारी, १०८ एम्बुलेंस
घायल की मौत का दुख है। गाड़ी का टायर ठीक था, लेकिन अचानक वह फट गया। दूसरी गाड़ी की व्यवस्था करा दी गई थी।
प्रखर दीक्षित, जिला प्रभारी, १०८ एम्बुलेंस