उन्हें बीकानेर की भुजिया अधिक पसंद थी। शहर भाजपा जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य ने बताया कि मदनलाल सैनी जब भी बीकानेर आते अपनी पुत्री के ससुराल जरूर जाते। वे बच्चों के लिए टॉफी अवश्य लेकर जाते और बच्चों के साथ हंसी-मजाक में व्यस्त हो जाते। चांद रतन आचार्य के पुत्र बृजराज आचार्य ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ में कार्य करने के दौरान जब भी मदन लाल बीकानेर आते, वे उनके घर भी आते थे।
हालांकि उनका भोजन संयमित था, लेकिन भुजिया का स्वाद जरूर चखते थे। सैनी की पेंटर भोजराज से पारिवारिक घनिष्ठता रही। उन्होंने कई मजदूर आंदोलनों का नेतृत्व किया। साधारण कार्यकर्ता से राज्यसभा सांसद के पद पर पहुंचे। वे कठिन परिश्रमी, कुशल नेतृत्व क्षमता के धनी थे।
संगठन के प्रति समर्पित सत्यप्रकाश आचार्य ने बताया कि मदनलाल सैनी जीवनभर संगठन के प्रति समर्पित रहे। उनका राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ाव रहा। भामसं में मजदूरों की आवाज बने। हाल ही हुए लोकसभा चुनाव के दौरान वे विभिन्न कार्यक्रमों में बीकानेर आए थे। उन्होंने बूथ सम्मेलन में भी हिस्सा लिया। शहर भाजपा महामंत्री मोहन सुराणा ने कहा कि सैनी पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता से आत्मीयता से मिलते थे।
बस से करते थे सफर मदनलाल सैनी की पुत्री मधु के मामा ससुर डॉ. घनश्याम पंवार ने बताया कि उनका बीकानेर से जुड़ाव दशकों पुराना है। मधु के विवाह के बाद उनका बीकानेर से जुड़ाव और गहरा हो गया। पार्टी के व्यस्तम कार्यक्रम में से भी कुछ समय निकालकर वे घर जरूर आते थे। डॉ. पंवार बताते है कि मदन लाल सैनी रोडवेज बस से ही यात्रा करना अधिक पसंद करते थे।
कार्यकर्ताओं के बीच रहना था पसंद पूर्व शहर भाजपा जिलाध्यक्ष विजय आचार्य बताते है कि मदन लाल सैनी आजीवन संगठन के प्रति समर्पित रहे। उन्हें हमेशा पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच रहना पसंद था। वे कार्यकर्ताओं से आत्मीयता के साथ मिलते थे । उन्होंने अपनी अद्भुत नेतृत्व क्षमता के बल पर संगठन को और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे कर्तव्यनिष्ठ, मेहनती और सकारात्मक सोच के धनी थे। बीकानेर से उनका गहरा जुड़ाव रहा। संगठन के प्रति उनका समर्पण भाव और सेवाएं सदैव याद रहेगी।