बताया जा रहा है कि रविवार मध्य रात्रि बाद छत का प्लास्टर टूटकर नीचे लगी फॉल सीलिंग पर गिर गया, इससे फॉल सीलिंग का भी कई फुट हिस्सा टूटकर नीचे गिर गया। गनीमत रही कि जिस समय यह घटना हुई उस समय आयुक्त का कक्ष बंद था। जिस स्थान पर प्लास्टर का बड़ा हिस्सा टूट कर गिरा है, उस जगह पर कार्यालय समय के दौरान अधिकारी, कर्मचारी, पार्षद और आमजन बैठे रहते हैं।
कहीं टूट रहे प्लास्टर, कहीं छतों से टपक रहा पानी
निगम के दशकों पुराने कार्यालय कक्ष मरम्मत कार्य मांग रहे हैं। निगम के 11 नंबर कक्ष में संचालित ओडीपी कक्ष की छत का प्लास्टर भी कुछ समय पहले गिर गया था। वहीं 10 नंबर कक्ष की छत का प्लास्टर भी अचानक गिर गया था। गनीमत रही कोई हादसा नहीं हुआ। लेखाशाखा कक्ष की छत से बारिश के दौरान पानी टपकने की समस्या बनी हुई है। 26 नंबर कक्ष जहां जन्म -मृत्यु कार्य संपादित होता है, वहां भी छत से पानी टपकने की समस्या बनी हुई है। 16 नंबर कक्ष में छत से पानी टपकता रहता है। विवाह पंजीयन कक्ष में भी छत से पानी टपकने से एक बार रेकॉर्ड भीग गया था। निर्माण शाखा परिसर भी बारिश के दौरान पानी से भरा रहता है।
खुले तार, पुराने कक्ष
निगम परिसर में स्थित विभिन्न कार्यालय कक्षों सहित परिसर, गैलेरी में बिजली के खुले तार पड़े हैं। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। कई बार शॉर्ट सर्किट से तार जल भी चुके हैं। वहीं स्वास्थ्य एच अनुभाग के कक्ष भी काफी पुराने और तार खुले पड़े हैं। स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव भवानी सिंह देथा ने भी हाल ही में निगम परिसर में निरीक्षण के दौरान खुले तारों को लेकर नाराजगी जताई थी व आयुक्त पंकज शर्मा को आवश्यक निर्देश दिए थे।