शहर में युवाआें के साथ बच्चे भी पतंग उड़ाने के लिए सुबह ही छतों पर जा डटे। उन्होंने छतों पर लाउड स्पीकर, डीजे पर गीतों के साथ पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। लोग फिल्मी गानों और मारवाड़ी गीतों पर झूमते नजर आए। बच्चों में पतंगबाजी को लेकर जबर्दस्त उत्साह रहा। जब लोग छतों पर पेंच लड़ा रहे थे, तो दूसरी ओर कुछ युवा व बच्चें कटी हुई पतंगों को लूटने में लगे रहे। उन्हें तेज धूप, लू व गर्मी की कोई परवाह नहीं थी।
शीतल पेय से गला तर
गर्मी और लू से बचने के लिए पतंगबाजों ने आमली का सेवन किया। साथ ही नींबू की शिकंजी, शर्बत, शीतल पेय से गला तर किया। खीचड़े का स्वाद लेने के बाद आइसक्रीम, चाट-पकौड़ों का लुत्फ उठाया।
गर्मी और लू से बचने के लिए पतंगबाजों ने आमली का सेवन किया। साथ ही नींबू की शिकंजी, शर्बत, शीतल पेय से गला तर किया। खीचड़े का स्वाद लेने के बाद आइसक्रीम, चाट-पकौड़ों का लुत्फ उठाया।
चंदा भी उड़ाया
अक्षय तृतीया पर परकोटे में में चंदा उड़ाने की परम्परा निभाई गई। सुरेश आचार्य ने बड़े आकार का चंदा तैयार कर उड़ाया। इस दौरान तुषार आचार्य, जयकिशन आचार्य, गिरिराज व्यास सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
अक्षय तृतीया पर परकोटे में में चंदा उड़ाने की परम्परा निभाई गई। सुरेश आचार्य ने बड़े आकार का चंदा तैयार कर उड़ाया। इस दौरान तुषार आचार्य, जयकिशन आचार्य, गिरिराज व्यास सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।