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छतों पर शहर, सड़कों पर सन्नाटा, गूंजता रहा ‘बोइ काट्या’

locationबीकानेरPublished: May 08, 2019 09:20:07 am

Submitted by:

Atul Acharya

सतरंगी पतंगों से अटा आसमान
 

Bikaner celebrated Akshaya Tritiya Festival

छतों पर शहर, सड़कों पर सन्नाटा, गूंजता रहा ‘बोइ काट्या’

बीकानेर. ‘बोइ काट्या है, बोइ मार्या है…, उड़ा रे उड़ा’ की शहर में मंगलवार दिनभर गूंज रही। मौका था अक्षय तृतीया पर हुई पतंगबाजी का। लू और तेज धूप को दरकिनार कर लोग छतों पर डटे रहे। शाम चार बजे बाद पूरा शहर ही छतों पर नजर आया। सड़कें और मुख्य बाजारों में सन्नाटा रहा।
सुबह मौसम खुशनुमा होने से पतंगबाजों मंे जबर्दस्त उत्साह रहा। हलांकि हवा तेज रही, लेकिन दोपहर बाद आसमान फिर सतरंगी पतंगों से अट गया। देर शाम तक लोग पतंगबाजी करते रहे और बाद में आतिशबाजी भी की। सुबह घरों में खीचड़ा व आमली का भोजन किया गया।

शहर में युवाआें के साथ बच्चे भी पतंग उड़ाने के लिए सुबह ही छतों पर जा डटे। उन्होंने छतों पर लाउड स्पीकर, डीजे पर गीतों के साथ पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। लोग फिल्मी गानों और मारवाड़ी गीतों पर झूमते नजर आए। बच्चों में पतंगबाजी को लेकर जबर्दस्त उत्साह रहा। जब लोग छतों पर पेंच लड़ा रहे थे, तो दूसरी ओर कुछ युवा व बच्चें कटी हुई पतंगों को लूटने में लगे रहे। उन्हें तेज धूप, लू व गर्मी की कोई परवाह नहीं थी।
शीतल पेय से गला तर
गर्मी और लू से बचने के लिए पतंगबाजों ने आमली का सेवन किया। साथ ही नींबू की शिकंजी, शर्बत, शीतल पेय से गला तर किया। खीचड़े का स्वाद लेने के बाद आइसक्रीम, चाट-पकौड़ों का लुत्फ उठाया।
चंदा भी उड़ाया
अक्षय तृतीया पर परकोटे में में चंदा उड़ाने की परम्परा निभाई गई। सुरेश आचार्य ने बड़े आकार का चंदा तैयार कर उड़ाया। इस दौरान तुषार आचार्य, जयकिशन आचार्य, गिरिराज व्यास सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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