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बीकानेर शहर खुले में शौच से मुक्त घोषित, नगर निगम ने अपने स्तर पर की घोषणा

locationबीकानेरPublished: Jan 18, 2018 09:56:38 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

नगर निगम ने शहर को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया है। निगम आयुक्त निकया गोहाएन ने इसकी घोषणा की।

Municipal Corporation

नगर निगम

बीकानेर . नगर निगम ने शहर को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया है। बुधवार को निगम आयुक्त निकया गोहाएन ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि नगर निगम क्षेत्र को ओडीएफ होने की स्व घोषणा की गई है। शीघ्र ही केन्द्र सरकार की ओर से अधिकृत संस्था क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इण्डिया (क्यूसीआई) को ओडीएफ स्टेटस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन भेजा जाएगा। आयुक्त ने बताया कि निगम की ओर से गत वर्ष ओडीएफ स्टेटस प्राप्त करने के लिए किए गए सतत प्रयासों से यह उपलब्धि प्राप्त हुई है।
शहर में व्यक्तिगत शौचालयों, प्रमुख स्थलों पर सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कर आमजन को शौचालय सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। आयुक्त ने शहर को ओडीएफ घोषित करने के दौरान निगम अधिकारियों, कर्मचारियों, एसआरजी सदस्यों, पार्षदों के प्रयासों और सहयोग को प्रशंसनीय बताया। इस अवसर पर उपायुक्त डॉ. राष्ट्रदीप यादव, स्वच्छता समिति अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार शर्मा, स्वास्थ्य अधिकारी मक्खन लाल आचार्य, दिनेश उपाध्याय, आदर्श शर्मा आदि उपस्थित थे।
शौचालय निर्माण का लक्ष्य पूरा
आयुक्त ने बताया कि व्यक्तिगत शौचालय निर्माण का लक्ष्य 1624 था, लेकिन उससे अधिक 1630 व्यक्तिगत शौचालय बनवाए गए हैं। वहीं तीन स्थानों पर सामुदायिक शौचालय तथा 12 स्थानों पर पब्लिक शौचालय का निर्माण करवाया गया है।
दो वार्डों पर संशय
नगर निगम ने भले ही शहर को ओडीएफ घोषित कर दिया हो, लेकिन वार्ड संख्या 7 व 18 के पार्षदों ने ओडीएफ की प्रक्रिया के तहत हस्ताक्षर नहीं करने की बात कही है। उप महापौर अशोक आचार्य तथा पार्षद नरेश जोशी ने बताया कि उनके वार्डों में ओडीएफ को लेकर हुए कार्य और बने शौचालयों की उन्हें जानकारी ही नहीं है। वहीं निगम अधिकारी भी इन दो वार्डों के हस्ताक्षरों को लेकर स्पष्ट जवाब देने से बचते रहे।
उप महापौर ने ही उठाए सवाल
बीकानेर. नगर निगम उप महापौर अशोक आचार्य ने निगम की ओर से शहर को ओडीएफ घोषित करने पर सवाल उठाए है। प्रेस बयान में आचार्य ने बताया कि महापौर व आयुक्त तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर शहर को ओडीएफ घोषित किया गया है।
उन्होंने बताया कि शहर के कई क्षेत्रों में लोग अभी भी खुले में शौच जा रहे हैं। आचार्य के अनुसार निगम शौचालय बनाने की बात कह रहा है लेकिन वास्तविकता यह है कि कई स्थानों पर शौचालय निर्माण के लिए सामग्री पड़ी है। उप महापौर ने निष्पक्ष अधिकारियों, पार्षदों के समूह तथा शहर के गणमान्य लोगों का ग्रुप बनाकर शहरी क्षेत्र का पुन: सर्वेक्षण करवाने की मांग की है ताकि ओडीएफ की सही स्थिति सामने आ सके।
उन्होंने बताया कि निगम अधिकारियों की ओर से शहर को ओडीएफ घोषित करने की जो थोथी घोषण की गई है वह केन्द्रीय सर्वेक्षण दल के सामने फैल साबित हो जाएगी। उन्होंने शहर की ओडीएफ की वस्तुस्थिति से मुख्यमंत्री, स्वायत्त शासन मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करवाने की बात कही है।
ओडीएफ सतत प्रक्रिया
ओडीएफ एक सतत प्रक्रिया है। निगम की ओर से इसके लिए लोगों की समझाइश और प्रयास जारी है। सभी के प्रयासों से यह संभव हुआ है। दो वार्डो में संशय की बात नहीं है। पार्षदों ने हस्ताक्षर की बात कही है।
नारायण चोपड़ा, महापौर नगर निगम, बीकानेर।

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