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बीकानेर

बीकानेर स्थापना दिवस : नगर स्थापना दिवस पर पतंगबाजी परवान पर, गलियों में सन्नाटा, देखें तस्वीरें

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6 years ago
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'बोई काट्या है फेर उड़ा', तथा आयग्यो-आयग्यो' के स्वरों से पूरा शहर गूंजता रहा। नगर स्थापना दिवस पर सुबह से शुरू हुआ पतंगबाजी का दौर शाम तक चला। घरों में पानी की मटकियों, लोटड़ी का पूजन कर घर-परिवार के लिए मंगलकामनाएं की गई। घर-घर में भोजन में खीचड़ा-इमलाणी आदि पारम्परिक व्यंजन बनाए गए। बच्चों से बुजुर्गो तक ने पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। बालिकाओं और महिलाओं ने भी पतंगें उड़ाकर नगर स्थापना की खुशियां मनाई। चिलचिलाती धूप के बावजूद पूरे दिन घरों की छतों पर पतंगबाजी के शौकीनों की टोलियां पतंगबाजी में मशगूल रही।

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पतंगों की लड़त के बीच खान-पान के दौर भी चलते रहे। पतंगबाजी के साथ-साथ टेप, डीजे, माइक पर गीतों की मधुर स्वर लहरियां बजती रही। आखाबीज एवं आखातीज पर रियासतकाल से चली आ रही पतंगबाजी की परम्परा के चलते शहर के बाजार और गली-मोहल्लों में सन्नाटा पसरा रहा। गलियों में कटी पतंगों को लूटने वाले सक्रिय रहे। दोपहर बाद परम्परानुसार कई स्थानों पर 'गवरा दादी पून दे टाबरियों रा चंदा उड़े' के स्वरों के बीच 'चंदा' उड़ाने की रस्म का निर्वहन किया गया। पतंग-मांझे की दुकानों पर दिन भर खरीदारी चलती रही।

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आखाबीज पर शहर में हुई पतंगबाजी के दौरान आकाश में चारों ओर पतंगे छाई रही। गली-मोहल्लों में युवाओं की टोलियों में दिन भर पतंगों के पेच लड़ाने की होड मची रही।

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पतंग-मांझे की दुकानों पर मंगलवार को खरीदारों की भीड़ रही। कोटगेट, जोशीवाड़ा, दाऊजी रोड, मोहता चौक, बड़ा बाजार, नत्थूसर गेट, नत्थूसर बास, जस्सूसर गेट, गंगाशहर, भीनासर सहित कॉलोनी क्षेत्रों व गली-मोहल्लों और चौक-चौराहों पर पतंग-मांझे की बिक्री होती रही।

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नगर स्थापना दिवस पर घरों में पीने के पानी की नई मटकी को पानी से भरकर उसका पूजन किया गया। घर-परिवार की महिलाओं ने कुमकुम, अक्षत, रोली-मौली इत्यादि पूजन सामग्रियों से पूजन कर घर-परिवार के लिए मंगल कामनाएं की। इस दौरान लोटड़ी, हांडी का भी पूजन किया गया। परिवार के सदस्यों के ललाट पर कुमकुम अक्षत का तिलक कर स्वस्थ्य जीवन की कामनाएं की गई।

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नगर स्थापना दिवस पर मंगलवार को शहर में कई स्थानों पर 'चंदा' उड़ाने की परम्परा का निर्वहन किया गया। जूनागढ़ परिसर में रौबीलों ने चंदा उड़ाया तथा दोपहर बाद घरों की छतों पर सामूहिक रूप से बच्चों से बुजुर्गो तक ने चंदा उड़ाया तथा नगर के चहुमुंखी विकास की कामनाएं की। कीकाणी व्यास चौक में साढ़े पांच फुट के चंदे का निर्माण कर उसे डोरी की सहायता से उड़ाया गया।

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ब्रजेश्वर लाल व्यास, गणेश लाल, राहुल, रामेश्वर लाल आदि ने पारम्परिक दोहे का गायन किया। शहर में कई स्थानों पर चंदा उड़ाया गया। चंदों के माध्यम से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, बाल विवाह रोकथाम, कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम, स्वच्छ बीकाणा, पॉलीथिन का इस्तेमाल नहीं करने आदि के संदेश दिए गए।बुधवार को भी आखातीज पर घर-घर में खीचड़ा-इमलाणी बनाए जाएंगे।

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