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शिलान्यास और लोकार्पण जोर पकडऩे से गूंजने लगी छैनी-हथौड़ी

locationबीकानेरPublished: Aug 05, 2021 06:35:18 pm

Submitted by:

Atul Acharya

शिलान्यास और लोकार्पण जोर पकडऩे से गूंजने लगी छैनी-हथौड़ी

शिलान्यास और लोकार्पण जोर पकडऩे से गूंजने लगी छैनी-हथौड़ी

शिलान्यास और लोकार्पण जोर पकडऩे से गूंजने लगी छैनी-हथौड़ी

बृजमोहन आचार्य

बीकानेर. कोरोनाकाल में हाथ पर हाथ धरे बैठे शिल्पकारों की छैनी-हथौड़ी की आवाज से वापस घर और चेहरे पर रौनक नजर आने लगी है। गत डेढ़ साल में कोरोना संक्रमण के चलते न तो उद्घाटन हो रहे थे और न ही मकानों के निर्माण में कोई तेजी आ रही थी। इस वजह से उनका धंधा मंदा हो गया था। इन शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई थी। अब सरकारी विकास कार्यों के शिलान्यास और लोकार्पण जोर पकडऩे के साथ ही शिला पट्टिकाएं बनने लगी है।
दो माह से काम में आई तेजी : रानी बाजार ओवरब्रिज के पास शिल्पकारों की करीब नौ दुकानें हैं। शिल्पकारों के पास जहां डेढ़ साल तक कोई काम न था। वहीं अब सुबह से शाम तक गर्दन नीचे झुकाए छैनी-हथौड़ी से पत्थर पर नाम तथा योजनाओं की जानकारी उकेरते दिखते हैं। सरकार की ओर से गाइड लाइन में आयोजनों की छूट मिलने के साथ ही दो माह से उद्घाटन और शिलान्यास में तेजी आई है।

अब दिन में पैंतीस से चालीस ऑर्डर
शिल्पकार श्यामसुंदर नायक ने बताया कि कोरोनाकाल में ग्राहकी का इंतजार ही करते रहते थे। कारीगरों के पास प्रतिदिन पैंतीस से चालीस ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं। इसमें नाम पट्टिका और शिलान्यास तथा उद्घाटन समारोह के शिलापट्ट शामिल है।।

मंत्रियों के नामों के शिलापट्ट ज्यादा
कोरोना संक्रमण कमजोर होने के बाद उद्घाटनों तथा शिलान्यासों की संख्या भी बढऩे लगी है। शिल्पकार सलाउ²ीन खिलजी ने बताया कि इस समय ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला तथा उच्च शिक्षा मंत्री भंवरसिंह भाटी के नाम के शिलापट्ट अधिक बन रहे हैं।
इन दो माह में इन नेताओं के १५-१५ शिलापट्ट बनाए जा चुके हैं। जबकि अन्य पार्टियों के नेताओं के कम बन रहे हैं।
हिंदी में सस्ती और अंग्रेजी की महंगी
अधिकांश हिंदी की नामपट्टिका और शिलापट्ट तैयार कराए जाते है। इसकी एक वजह हिंदी की नामपट्टिका सस्ते में तैयार होना भी है। जबकि अंग्रेजी की नामपट्टिका और शिलापट्ट महंगा पड़ता है।
अंग्रेजी शब्दों को कम्प्यटूर से तैयार करने पड़ते है। जबकि हिंदी वाले शब्द छैनी-हथौड़ी से उकेरे जाते है। नाम पट्टिका ३०० से ५०० रुपए तथा शिलापट्ट दो से सात हजार रुपए में तैयार होते है। दर साइज पर भी निर्भर करती है।
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