बीकानेर

bikaner holi 2019- मत करो देश कमजोर, छोड़ दो आपस का वैर

बीकानेर. शहर में होली पर हो रही रम्मतों के मंचन के क्रम में रविवार को भट्ठड़ों के चौक में उस्ताद फागुजी व्यास की स्वांग मेहरी रम्मत का मंचन हुआ। बीकानेर. शहर में होली पर हो रही रम्मतों के मंचन के क्रम में रविवार को भट्ठड़ों के चौक में उस्ताद फागुजी व्यास की स्वांग मेहरी रम्मत का मंचन हुआ।

बीकानेरMar 18, 2019 / 09:43 am

dinesh kumar swami

bikaner holi 2019- मत करो देश कमजोर, छोड़ दो आपस का वैर

बीकानेर. शहर में होली पर हो रही रम्मतों के मंचन के क्रम में रविवार को भट्ठड़ों के चौक में उस्ताद फागुजी व्यास की स्वांग मेहरी रम्मत का मंचन हुआ। मां राय भवानी स्वरूप के अखाड़े में पहुंचने और स्तुति वंदना के साथ रम्मत की शुरूआत हुई। उस्ताद प्रहलाद मारजा और जतन लाल श्रीमाली के सानिध्य में हुई रम्मत में कलाकारों ने गणेश वंदना, ख्याल रामदेवजी का, लावणी, चौमासा और ख्याल गीतों की प्रस्तुति दी। ख्याल गीत ‘मत करो देश कमजोर छोड़ दो आपस का झगड़ा, नेता खुद करे घोटाले ये पूंजीवाद के छाले, दिखने में भोल-भाले, अन्दर से नाग है काले और गठबंधन नीति बणावेÓ के माध्यम से देश की राजनीति पर कटाक्ष किया गया।
 

 

वहीं पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों की शहादत को याद करते हुए भारत की पाकिस्तान में की गई एयर स्ट्राइक की प्रशंषा की गई। रम्मत में लावणी गीत ‘पगट गई परभात बीत गई रेण पिया अब घर आयाÓ तथा चौमासा गीत ‘बरस रहा पानी पर पानी, आया नया जमाना बालम घर आनाÓ प्रस्तुत किए गए।रम्मत में उस्ताद जतनलाल श्रीमाली के सानिध्य में गोपाल व्यास, भंवर पुरोहित, नारायण स्वामी, अनिल बोड़ा, विशाल शर्मा, गोवर्धन व्यास, नवल आचार्य, रवि व्यास, महेश व्यास, राजा सांखी, राजा सेवग, ललित छंगाणी आदि कलाकारों ने विभिन्न भूमिकाएं निभाई।
 

 

मंच पर उतरी शहजादी
बिस्सों के चौक में आशापुरा नाट्य एवं कला संस्थान की ओर से रविवार को नौटंकी शहजादी रम्मत का मंचन किया गया। शनिवार मध्यरात्रि से शुरू हुई यह रम्मत रविवार सुबह तक मंचित हुई। कलाकारों ने दो बोला, चौबोला, गीत, गजल आदि के माध्यम से रम्मत का मंचन किया। पूरी रात रम्मत को देखने बड़ी संख्या में शहरवासी चौक प्रांगण में मौजूद रहे और कलाकारों की हौसला अफजाई की। रम्मत में केशव व्यास, किशन कुमार बिस्सा, रामकुमार बिस्सा, प्रेम गहलोत, विकास पुरोहित, मनोज कुमार, गोविन्द गोपाल, इन्द्र कुमार, नगाड़ा पर संगत मनीष व्यास, अविनाश बिस्सा ने की। सह गायन में बलुजी बिस्सा, विजय कुमार व्यास, केदार जोशी, महेन्द्र, ओम सेवग, लूणाराम, डीके कला, सूरज किशोर, पं. योगेश बिस्सा आदि ने भागीदारी निभाई।
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