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Bikaner Holi 2019- कई नमक हिन्द रो खाता फिर भी है आंख दिखाता…

locationबीकानेरPublished: Mar 19, 2019 09:10:44 am

Submitted by:

dinesh kumar swami

बीकानेर. ‘रणचण्डी रण में आवो दुष्टों ने मार गिरावो, मिटादो सगळो पाकिस्तान, कई नमक हिन्द रो खाता फिर भी है आंख दिखाताÓ सरीखे व्यंग्य बाण सोमवार सुबह बारह गुवाड़ चौक में जमकर चले।

Bikaner Holi 2019

Bikaner Holi 2019- कई नमक हिन्द रो खाता फिर भी है आंख दिखाता…

बीकानेर. ‘रणचण्डी रण में आवो दुष्टों ने मार गिरावो, मिटादो सगळो पाकिस्तान, कई नमक हिन्द रो खाता फिर भी है आंख दिखाताÓ सरीखे व्यंग्य बाण सोमवार सुबह बारह गुवाड़ चौक में जमकर चले। मौका था स्वांग मेहरी रम्मत के मंचन का। उस्ताद बंशी महाराज ओझा व पुजारी बाबा के सान्निध्य में हुई रम्मत का मंचन अल सुबह भगवान गणेश स्वरूप के अवतरण के साथ शुरू हुआ। लोगों ने स्तुति गान से गणेशजी को रिझाया। बोहरा-बोहरी, जाट-जाटणी स्वांग पात्रों ने अच्छे जमाने की कामना की। इसके बाद लावणी, चौमासा और ख्याल प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। रम्मत के ख्याल गीतों के निशाने पर इस बार पाकिस्तान रहा। वहीं देश के शहीद जवानों को याद किया गया।

चुनाव के दौरान नेताओं और राजनीतिक पार्टियों की बढ़ी सक्रियता पर भी व्यंग्य किया गया। रम्मत में चन्द्रशेखर, नवल उपाध्याय, काचिया महाराज, विजय कुमार ओझा, नवरतन, नमामी शंकर, आर के सूरदासाणी, बी आर सूरदासाणी, गणेश छंगाणी, चन्द्रशेखर, आनन्द ओझा,परमेश्वर, नारायण, शंकर व्यास, दुर्गादास ओझा, राम छंगाणी, राम ओझा, कान्हा, लाला, शंकर, अमित, विजय हर्ष, दामोदर ओझा आदि कलाकारों ने भूमिकाएं निभाई।
चौमासा है गुलजार सनम थे परदेशा बसिया….
‘चौमासा है गुलजार सनम थे परदेशा बसियाÓ सरीखे चौमासा गीतों की स्वर लहरियों ने सोमवार को कीकाणी व्यास चौक में लोगों को बांधे रखा। मौका था उस्ताद जमना दास कल्ला की स्वांग मेहरी रम्मत के मंचन का। रविवार मध्य रात्रि को मां लटियाल स्वरूप के अवतरण के साथ रम्मत का आगाज हुआ। सोमवार सुबह राधा कृष्ण की पुष्प होली का आयोजन हुआ। रम्मत में ख्याल गीत में राजनीति, राजनेता, आरक्षण, मिलावट, भ्रष्टाचार पर कटाक्ष किए गए। गीत में पाकिस्तान और आतंकवाद भी निशाने पर रहा। रम्मत में मीण्डा महाराज, बुला महाराज, गणेश दास व्यास, मदन गोपाल व्यास, शत्रुघ्न, सूर्य प्रकाश, रामकिशन, प्रेमरतन, मुकेश, श्याम सुन्दर ओझा, दिनेश, रवि, छोटू, शंकर, मनमोहन, रामकुमार, महावीर, शानू, नानू, पूनमचंद ओझा, बंटी, कन्हैयालाल आदि कलाकारों ने भूमिकाएं निभाई।
खांडो म्हारो तेज है सिरे सदा पाग के जीत….
‘खांडो म्हारो तेज है सिरे सदा पाग के जीत, काकी हुकूम देवे तो गढ़ लूटू आगरोÓ सरीखे वीररस से ओत-प्रोत संवाद सोमवार रात को आचार्य चौक में गूंज उठे। मौका था अमरसिंह राठौड़ के मंचन का। मध्यरात्रि बाद राय भवानीस्वरूप के अखाडे़ में अवतरण के साथ रम्मत शुरू हुई। श्रद्धालुओं ने वंदना की। उस्ताद डॉ. मेघराज आचार्य के सानिध्य में शुरू हुई रम्मत में अमर सिंह, हाडीराणी, सलावत खां, बादशाह, बीबी,रामसिंह, लखनऊ नवाब, अर्जुन गौड, शेरखां, भिश्ती, मेहतर, किसना नाई आदिपात्रों के माध्यम से कलाकारों ने रम्मत का मंचन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा रहा।

रम्मत में डॉ. मेघराज आचार्य, दीनदयाल आचार्य, बद्री जोशी, पुरुषोत्तमदास, द्वारका दास आचार्य, नवनीत नारायण, विप्लव व्यास, हर्षवद्र्धन, अनिरुद्ध, मूलचंद आचार्य, अनिल आचार्य, धनसुख आचार्य, विजय आचार्य, रामनाथ आचार्य आदि ने भूमिकाएं निभाई।

मरुनायक चौक में हडाऊ मेहरी रम्मत
शृंगार रस पर आधारित हडाऊ मेहरी की रम्मत का मंचन सोमवर मध्य रात्रि के बाद मरूनायक चौक में शुरू हुआ। मरुनायक कला केन्द्र की ओर से रम्मत शुरू होने पूर्व चौक में डांडियां नृत्य हुआ। मध्यरात्रि बाद रम्मत के अखाड़े मां राय भवानी का अवतरण हुआ। हडाऊ, नूरसा व मेहरी पात्रों के बीच गीत-सवंाद पर आधारित रम्मत को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा रहा। रम्मत में हेडाऊ, नूरसा, राय भवानी, जोशी, मेहरी के पात्र है। इन पात्रों को खुशाल चंद पुरोहित, संजय जोशी, मोहित भादाणी, शिव जोशी, देवाशीष सेवग, मुकेश देरासरी, नगाड़ा वादन में रामजी सेवग, अशोक सेवग भागीदारी निभा रहे हैं। सह गायन में मनका महाराज, गेवर भादाणी, प्रभु लखाणी, दारसा जोशी, मेघराज, अजय देरासरी, राजेश देरासरी, विष्णुदत्त सेवग, रघु जोशी आदि भागीदारी निभा रहे हैं।
अरी! मालिन सुन लेना रे…
‘अरी मालिन सुन लेना रे, खोल खिड़की को देना।Ó सरीखे संवाद सोमवार देर रात बाद बारह गुवाड़ में गूंज उठे। मौका था कोड़मदेसर नाट्य कला संस्थान की आेर से आयोजित शहजादी नौटंकी रम्मत का। देवर-भाभी के संवाद पर आधारित रम्मत के अखाड़े में सबसे पहले गणेशजी स्वरूप का अवरण हुआ। इसके बाद बोहरा-बोहरी व जाट-जाटनी के पात्र आए। उन्होंन जमाने की बात की। रम्मत को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े। बारहगुवाड़ चौक
में मेले सा माहौल रहा। घरों की छतों पर महिलाओं का जमावड़ा रहा। चौक में चाट-पकौड़ी की दुकानों पर भीड़ रही। उस्ताद भंवरलाल जोशी के सान्निध्य में श्याम सुंदर, लक्ष्मीनारायण, गणेश किराड़ू, मनोज छंगाणी, राम जोशी, यशवर्धन, गिरीराज, विजय कुमार, बूला महाराज, शिवप्रसाद जोशी, महेश, विजय छंगाणी, राजू श्रीमाली, कमल आनंद, राधे, कृष्ण मोहन, शिवशंकर जागा, शशि किराड़ू, ब्रज गोपाल, आसकरण, मनीष, संजीव व्यास आदि ने भागीदारी निभाई। नगाड़े पर संगत गजानंद कि बिस्सा व मनोज रंगा ने संगत की। हारमोनियम पर नारायण रंगा व रविन्द्र जोशी व बांसुरी पर बसंत ओझा ने संगत की।

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