बीकानेर. था तो यह खेल, इसमें वार भी हुए, लेकिन बरसा सौहार्द का पानी। प्रेम-भाईचारे व सौहार्द का संदेश देती यह अनूठी होली सोमवार को हर्षों के चौक (ढलान) में देखने को मिली, जहां चमड़े से बनी डोलची में पानी भरकर एक-दूसरे की पीठ पर बौछार की गई। बौछार से पीठ भी लाल हुई, लेकिन लोगों के चेहरे पर शिकन की बजाय हंसी की फव्वारे थे।
बीकानेर में होली के अवसर पर पानी खेल डोलची के आयोजन की विशेष परंपरा है। विभिन्न जातियों में आपसी प्रेम और भाईचारे के प्रतीक के रूप में इसका आयोजन होता है।
खेल में लालाणी-कीकाणी व्यास व हर्ष जाति के लोगों के साथ पुष्करणा समाज की कुछ अन्य जातियों के लोग भी शामिल हुए। इसमें बड़े, बुजुर्ग व बच्चों ने भी भाग लिया। खेल की समाप्ति पर गुलाल उड़ाई गई। पानी में किसी तरह का रंग नहीं मिलाया जाता। मोहल्ले में घरों की छतों पर बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चों का जमावड़ा रहा।