बीकानेर से सटी 160 किलोमीटर लम्बी अंतरराष्ट्रीय सीमा रेतीले धोरों के बीच है। लगातार आंधी से तारबंदी के आस-पास जमा हो रही रेत को बीएसएफ के जवान ऊंटों और ट्रैक्टर कराहा से हटा रहे हैं। रेतीले क्षेत्र वाले तीनों जिलों की प्रत्येक बटालियन को चार से पांच ट्रैक्टर उपलब्ध कराए गए हैं।
आंधी के चलते चंद मीटर के फासले पर भी कुछ दिखाई नहीं देता। आंखों में मिट्टी आने से एक जगह पर ज्यादा देर तक देखना भी संभव नहीं होता। एेसे में जवानों को पर्याप्त संख्या में चश्मे उपलब्ध कराए गए हैं, जिन्हें पहनकर गश्त करते हैं। साथ ही मुंह और सिर को स्कार्फ से ढंक लेते हैं।
तारबंदी पर रोजाना सुबह खुरा चैकिंग पार्टी रेत पर देखती है कि कोई घुसपैठिया सीमापार से तो नहीं आया। आंधी से पदचिह्न मिट जाते हैं।खासकर पश्चिम दिशा से आंधी चलने पर पाकिस्तान सीमा की तरफ निगरानी करने में मुश्किल।सीमा क्षेत्र के मार्गों पर मिट्टी आने से सीमा चौकियों तक खाने-पीने की आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने में दिक्कत।विषम परिस्थितियों में सीमा पार से घुसपैठ की आशंका बढ़ जाती है। बॉर्डर पर आंधी से बीओपी को नुकसान होता है।तारबंदी के पास रेत के टीले बन जाने से घुसपैठियों को मदद मिलने की आशंका रहती है।
-एमएस राठौड़, डीआइजी (सामान्य), बीएसएफ राजस्थान