script33 कार्यालयों का औचक निरीक्षण, 258 कार्मिक मिले अनुपिस्थत | bikaner- inspection of government offices | Patrika News

33 कार्यालयों का औचक निरीक्षण, 258 कार्मिक मिले अनुपिस्थत

locationबीकानेरPublished: Jun 28, 2022 09:41:06 am

Submitted by:

Vimal

एक कार्यालय और पांच शाखाएं भी मिली बंद
कार्यालयों में मचा हडकंप, आनन-फानन में कार्यालय पहुंचे अधिकारी-कर्मचारी

33 कार्यालयों का औचक निरीक्षण, 258 कार्मिक मिले अनुपिस्थत

33 कार्यालयों का औचक निरीक्षण, 258 कार्मिक मिले अनुपिस्थत

सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों के समय पर नहीं पहुंचने व कार्यालय समय के दौरान नहीं मिलने का ढर्रा बना हुआ है। सोमवार को जिला कलक्टर के निर्देश पर जिला मुख्यालय के 33 कार्यालयों में कर्मचारियों की उपिस्थति जांच के लिए हुए औचक निरीक्षण में यहीं िस्थति सामने आई। औचक निरीक्षण के दौरान विभिन्न कार्यालयों के 610 कर्मचारियों में से 258 कार्मिक अनुपिस्थत मिले। जिला कलक्टर के निर्देश पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के दस अधिकारियों की ओर से जिला मुख्यालय पर िस्थत विभिन्न कार्यालयों का सुबह 9.30 बजे औचक निरीक्षण कर उपिस्थति पंजीकाए जब्त की गई। औचक निरीक्षण की सूचना मिलने पर कई कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारी आनन-फानन में कार्यालय पहुंचे। औचक निरीक्षण के दौरान एकबारगी कार्यालयों में हडकंप मच गया।

 

कही पचास फीसदी तो कही एक तिहाई कार्मिक अनुपिस्थत

जिला कलक्टर के अनुसार औचक निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ के 123 में से 62 तथा नगर निगम के 184 में से 60 कार्मिक अनुपस्थित पाए गए। इसी प्रकार पंचायत समिति के 27, कृषि विस्तार कार्यालय के 24 तथा सार्वजनिक निर्माण विभाग के 14 कार्मिक अनुपस्थित मिले। इस दौरान उद्यान विभाग के सहायक निदेशक कार्यालय तथा सीएमएचओ कार्यालय की एनयूएचएम, पीसीपीएनडीटी, एनसीडी, एनटीसीपी और फ्लोरोसिस प्रोग्राम शाखा बंद पाई गईं। जिला कलक्टर ने यूआईटी का औचक निरीक्षण किया। यहां 39 कर्मचारी अनुपिस्थत मिले।

 

अधिकारी मिल रहे ना कर्मचारी

कई सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों व कर्मचारियों के देरी से पहुंचने और कार्यालय समाप्ति के समय से पहले ही गायब होना आम बात है। कई विभागों में विभाग प्रमुख ही अपनी सीट पर नहीं मिलते है। इससे पार्षद व आमजन भी परेशान है। पहले भी कई बार कार्यालयों के औचक निरीक्षण हो चुके है। ऐसी ही िस्थतियां पूर्व में भी कई बार सामने आ चुकी है, लेकिन प्रभावी कार्यवाही व अधिकारियों -कर्मचारियों को अपनी-अपनी सीट पर बिठाने की ठोस व्यवस्था नहीं होने से आमजन को राहत नहीं मिल पा रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो