महिलाओं ने गणगौर प्रतिमा के समक्ष नृत्य प्रस्तुत किए। सवारी पुन: जूनागढ़ पहुंची। वहीं चौतीना कुआ पर गणगौर का मेला भरा। पूर्व बीकानेर राज परिवार की ओर से यहां पहुंची गणगौर प्रतिमाओं का खोळा भरने की रस्म निभाई गई। वहीं ढढ़्ढा चौक में चांदमल ढढ्ढा की प्राचीन गणगौर का मेला दूसरे दिन भी भरा। बड़ी संख्या में लोगों ने दर्शन किए। महिलाओं ने गणगौर प्रतिमा के समक्ष नृत्य प्रस्तुत किए।
गणगौर प्रतिमा को सिर पर रख लगाई दौड़
रियासतकालीन परम्परा के तहत मंगलवार को गणगौर दौड़ का आयोजन हुआ। चौतीना कुआ से भुजिया बाजार तक गणगौर दौड़ हुई। इस दौरान पुरुषों ने गणगौर प्रतिमा को सिर पर रखकर दौड़ लगाई। इस दौरान सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में शहरवासी उपिस्थत रहे। परम्परानुसार पूर्व बीकानेर राज परिवार की गणगौर जैसे ही चौतीना कुआा पहुंची पुष्टिकर पुरोहित भादाणी पंचायत ट्रस्ट की प्राचीन गणगौर की दौड़ शुरू हुई। दौड़ के मार्ग में युवकों ने दौड़ते-दौड़ते एक-दूसरे को गणगौर प्रतिमा दी और दौड़ पूरी की। भुजिया बाजार पहुंचने पर गणगौर प्रतिमा का पूजन हुआ।
गणगौर प्रतिमाओं का भरा खोळा
चौतीना कुआ पर मंगलवार को गणगौर का मेला भरा। विभिन्न जातियों, समाज, मंदिरों के साथ-साथ व्यक्तिगत गणगौर प्रतिमाएं भी मेले में पहुंची। गणगौर प्रतिमाओं के खोळा भरने की रस्म पूर्व बीकानेर राज परिवार की ओर से निभाई गई। पूर्व बीकानेर राज परिवार के राज पंडित राधा किशन श्रीमाली के सानिध्य में 165 गणगौर प्रतिमाओं का मिठाई व नकद राशि से खोळा भरा गया। इस दौरान गंगाधर भी उपिस्थत रहे।मेले में कलात्मक रूप से सजी संवरी गणगौर प्रतिमाएं खोळा भरवाने पहुंची।
गणगौर सवारी में हुए शामिल
जूनागढ़ से निकली पूर्व बीकानेर राज परिवार की गणगौर सवारी में मंगलवार को क्षत्रिय समाज के गणमान्य लोग शामिल हुए। क्षत्रिय सभा व श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउण्डेशन से जुड़े समाज के लोगों ने भागीदारी निभाई। इस दौरान क्षत्रिय सभा अध्यक्ष केपी सिंह सिसोदिया, श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउण्डेशन के नवीन सिंह भवाद, कर्नल हेम सिंह मंड्रेला, नरेन्द्र सिंह करणीसर, राजेन्द्र सिंह मोटासर, जितेन्द्र सिंह राजवी, गिरिराज सिंह सांखू, दलीप सिंह मेहलिया, देवेन्द्र सिंह हाडला, विक्रम सिंह बीका, विजय सिंह खारा, दिलीप सिंह नयागांव, धर्मवीर सिंह नरुका, रणबीर सिंह नोखड़ा, संदीप सिंह बीदावत, नरेन्द्रसिंह स्याणी, गजेन्द्रसिंह लूंछ, डूंगरसिंह सहित समाज के पुरुष व महिलाएं शामिल हुई।