खोळा भरवाने के लिए यहा 320 गणगौर प्रतिमाएं पहुंची। प्रतिनिधि के रूप में गंगाधर व्यास, लव देराश्री ने श्रीफल, मिठाई और नकद राशि से गणगौर प्रतिमाओं का खोळा भरा। इस दौरान खान-पान, चाट पकौडी, आइसक्रीम, फास्ट फूड व खिलौनों की दर्जनों अस्थायी स्टॉले लगी। जिन पर लोगों की भीड़ रही।
गणगौरी नृत्यों की प्रस्तुतियां
मेले में पहुंची महिलाओं व युवतियों ने अपने सिर पर गणगौर प्रतिमाओं को विराजित कर ढोल नगाड़ो की लयबद्ध आवाजों के बीच नृत्य प्रस्तुत किए। इस दौरान महिलाओं में गणगौरी नृत्य की होड सी रही। कई पुरुषों ने भी प्रतिमाओं को सिर पर रखकर नृत्य किए।
ढोल नगाड़ो के साथ पहुंची प्रतिमाएं
मेले में शामिल होने के लिए गणगौर प्रतिमाओं की सवारियां ढोल नगाड़ों के साथ जूनागढ़ पहुंची। बालिकाएं, युवतियां, महिलाओं ने प्रतिमाओं के आगे नृत्य प्रस्तुत किए। जूनागढ़ में प्रवेश से लेकर जनाना ड्योढी के आगे प्रांगण तक महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। मंदिरों, पंचायत, समाज सहित सैकड़ो व्यक्तिगत गणगौर प्रतिमाएं जूनागढ़ पहुंची।
खोळा भरने को लेकर उत्साह
जूनागढ़ में बीकानेर पूर्व राजपरिवार के साथ-साथ बड़ी संख्या में महिलाओं में गणगौर प्रतिमाओं का खोळा भरने को लेकर उत्साह रहा। जूनागढ़ के मुख्य द्वार से मुख्य प्रांगण तक पग-पग पर दर्जनों महिलाओं ने प्रतिमाओं का खोळा भरने की रस्म निभाई। महिलाओं ने दमेदा, पताशा, श्रीफल, मिठाईयां, नकद राशि से खोळा भरा व प्रतिमाओं को पानी पिलाने की रस्म निभाई। कई महिलाओं ने गणगौर प्रतिमाओं को धोती भी ओढ़ाई।