कुलसचिव राजेन्द्रसिंह ने बताया कि अकादमिक एवं प्रोफेशनल उपाधि का अंतर समाप्त होने पर अब एक ही डिग्री से तीन वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम होगा। इसके लिए एमजीएसयू में पांच व तीन साल का विधि पाठ्यक्रम संचालित होगा। इसके लिए जून में बीसीआई की टीम ने निरीक्षण भी किया था। डूडी ने बताया कि इस दौरान पूर्व अकादमिक उपाधि प्राप्त अभ्यर्थी, जिन्होंने पहले तीन वर्षीय प्रोफेशनल पाठ्यक्रम प्रवेश नहीं लिया है, उन्हें विधि तृतीय वर्ष प्रोफेशनल कोर्स में नियमित प्रवेश के लिए आगामी दो शैक्षणिक सत्रों 2019-20 एवं 2020-21 में प्रवेश लेने की अनुमति दी जाएगी।
नियमित होगी फैकल्टी विधि तीन वर्षीय व पांचवर्षीय पाठ्यक्रम के लिए पहले विश्वविद्यालय में नियमित रूप से फैकल्टी लगाई जाएगी। इसके लिए विवि प्रशासन ने उच्च शिक्षा मंत्री से वार्ता कर नियमित फैकल्टी लगाने की बात कही है।