कोई इस शहर को दुनिया का सबसे बड़ा गांव तो कोई आधुनिकता की दौड़ में शामिल होकर नई कॉलोनियों में मल्टीनेशनल कम्पनियों के खुल रहे शोरूमों का शहर कहता है। अपनी संस्कृति से जुड़ाव रखने वाले इस शहर की धारा दुनिया से कुछ इतर रहती है। पिछले कुछ सालों में मेट्रो और बड़े शहरों के लोगों का ऑनलाइन खरीदारी की तरफ तेजी से बढ़े रुझान का असर यहां भी है, लेकिन उतना नहीं जितना दस-बारह लाख की आबादी वाले देश के अन्य शहरों में देखने को मिलता है।
संतुष्टि बाजार में ही
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि दुकानदार पूरे साल एक ही कीमत में सामान बेचते हैं, जबकि ऑनलाइन बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव रहता है। कपड़ों, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं, मोबाइल फोन आदि की कीमतें ऑनलाइन पर कम है। फिर भी यहां का ग्राहक मोलभाव और हाथ से जांच-परख किए बिना जेब में हाथ नहीं डालने की आदत रखता है। एेसे में वह कीमत जरूर ऑनलाइन की देख लेता है, लेकिन घूम-फिरकर खरीदारी की संतुष्टि बाजार की दुकान पर आकर ही होती है।
इन दिनों बाजार में भी कम्पनियां अपना प्रचार-प्रसार करने के लिए स्थानीय मार्केट का सहारे लेने लगी हैँ। पूरे साल कंपनियों की ओर से ऑनलाइन देने वाला डिस्काउ:ंट ऑफलाइन बाजारों में भी देने लगी हैं।
स्थानीय बाजार में भी साल में कई ऑफर मिलते रहते हैं। अभी यहां कपड़ों पर कुछ कंपनियां 15 से 20प्रतिशत तक की छूट दे रही हैं। वहीं जूते-चप्पल पर 2:ह्म्द्गद्दद्बह्यह्लद्गह्म्द्गस्र: से 25 प्रतिशत, कूलर और ऑटोमोबाइल पर एक्सचेंज ऑफर, कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामान पर 5 से 2:ह्म्द्गद्दद्बह्यह्लद्गह्म्द्गस्र: प्रतिशत तक का कैश बैक ग्राहकों को मिल रहा है।
ऑनलाइन केवल दिखावा
स्थानीय दुकानदार धु्रव बंसल ने बताया कि ऑनलाइन में केवल दिखावा है। यहां बढ़-चढ़कर दिखावा किया जाता है। दुकानदार आपके साथ पूरे साल रहता है। ऑनलाइन में केवल त्योहारों के समय सेल रहती है, जबकि स्थानीय दुकानों में पूरे साल यही कीमत रहती है। ऑनलाइन में लोकल प्रोडक्ट्स पर ज्यादा छूट दी जाती है। परन्तु ब्रांडेड चीजों पर कम छूट होती है। वहीं स्थानीय दुकानों में सभी सामान पर पूरे साल यही कीमत रहती है।
मार्केट में आए तो मिलेगा नया
दुकानदार बंशी गहलोत ने बताया कि ग्राहक ऑनलाइन की बजाय स्थानीय दुकानों में खरीदारी करने आए तो :ष्शश्च4ह्म्द्बद्दद्धह्ल:नको नए तरह के प्रोडक्ट मिल सकते हैं। ग्राहक सामान खरीदने से पहले अपनी संतुष्टि के लिए दुकानदार से कई तरह के सवाल कर सकता है, लेकिन ऑनलाइन में ऐसा नही है। इसके अलावा कीमतों में भी कोई फर्क नहीं है।
ऑनलाइन से सस्ता
दुकानदार दीपक मिड्ढा के अनुसार ग्राहक दुकान पर आए तो किसी भी मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक सामान को अच्छी तरह परख सकता है। यह सुविधा ऑनलाइन में नहीं है। इसके अलावा मोबाइल फोन दुकानों में भी कम कीमत में मिल सकता है।
शैलेश पित्ती बताते हैं कि अब कंपनियां ऑफलाइन मार्केट को मेन मार्केट बोलने लगी हैं। बीकानेर के लोगों की खरीदारी की आदत भी कुछ एेसी है कि :ष्शश्च4ह्म्द्बद्दद्धह्ल:स पर ग्लोबल ट्रेंड का ज्यादा असर नहीं पड़ता। यहां अब भी घरों में बड़ी दुकानों जितना सामान रखकर महिलाएं कारोबार चलाती हैं। यहां तो किसी भी वर्ग की महिला हो, जब तक तोलियासर भैंरूजी मार्केट का चक्कर नहीं लगा लेती, खरीदारी अधूरी रहती है।