दोपहर को हवेली में जोगिया सारंगी पर भक्ति संगीत व कथौड़ी जनजातीय संगीत कार्यक्रम सुरन ईया लंगा का वाद्य जुगलबंदी व मेवाती क्षेत्र अलवर से आए जुम्मा जोगी ने भपंग वाद्य यंत्र के माध्यम से समाज में फैली बुराइयों का जिक्र किया व चिर परिचित कविता ‘टर्र’ का गायन कर माहौल को खुशनुमा बना दिया।
कार्यक्रम में सुरवि चेरिटेबल ट्रस्ट जयपुर के मुख्य ट्रस्टी रविन्द्र सिंह बोरड़, कोरियोग्राफर हरिदत्त कल्ला, जेईसी आरटी कॉलेज जयपुर के निदेशक अमित अग्रवाल, डॉ. प्रकाश छलानी, कार्यक्रम सहयोगी अरुण संचेती समेत कई हस्तियों ने भाग लिया। उत्सव को लेकर दिनभर रेलमपेल बनी रही।कार्यक्रम निदेशक विनोद जोशी ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम रविवार रात को ताल मैदान में शाम 8 बजे से होगा।इससे पूर्व दिनभर कई कार्यक्रम होगा।