सुबह पर्चा दाखिल के दौरान कांग्रेस की तरफ से केवल मघाराम मेघवाल का ही नामांकन दाखिल किया गया। भाजपा द्वारा प्रधान पद की दावेदारी नहीं करने पर दोपहर एक बजे बाद मघाराम को विजयी घोषित कर उपखण्ड अधिकारी सविता विश्नोई ने प्रमाण पत्र जारी किया।
उल्लेखनीय है कि गत साढ़े चार साल पूर्व इस पंचायत समिति के हुए चुनाव में 21 सदस्यों में ग्यारह कांग्रेस के विजयी हुए थे, परन्तु प्रधान के चुनाव के दौरान एक मत भाजपा को अधिक चला गया। इससे भाजपा के रामलाल मेघवाल प्रधान और रामगोपाल सुथार उपप्रधान निर्वाचित हो गए।
दोनों पदों पर लाया गया अविश्वास जब राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो भाजपा के कुछ असंतुष्ठ सदस्य कांग्रेस की तरफ आ गए और अविश्वास की कार्रवाई में शामिल हो गए। प्रधान पद पर न्यायालय स्थगन आने के कारण कुछ दिनों तक विलम्ब हो गया, जबकि उपप्रधान रामगोपाल सुथार के खिलाफ करीब ढाई माह पहले अविश्वास लाकर पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा के पुत्र केशराराम गोदारा को उपप्रधान बना दिया गया। गत कुछ दिनों पूर्व प्रधान पद के लिए अविश्वास की कार्रवाई न्यायालय के आदेश पर सम्पूर्ण हुई तो आगे का रास्ता साफ हो गया। आखिर मंगलवार को प्रधान पद का चुनाव भी सम्पन्न हो गया।
कांग्रेस का प्रभुत्व जब कांग्रेस के 11 सदस्य निर्वाचित होने के बाद इनका ही एक सदस्य भाजपा के पक्ष में वोट दे दिया था। इसके चलते पंचायत समिति पर भाजपा का कब्जा हो गया था। विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने भाजपा के कुछ सदस्यों को अपने पक्ष में कर लिया और प्रधान व उप प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रख दिया। इस प्रकार एक बार फिर दोनों ही पदों पर कांग्रेस का का प्रभुत्व कायम हो गया।