भाजपा में प्रदेश स्तर तक का सहयोग
निगम चुनाव में प्रदेश स्तर से संगठन में ऊर्जा फूंकने के लिए भाजपा (bjp) के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया आए। श्रीगंगागनर जिले से भाजपा के पूर्व मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को चुनाव समिति की कमान सौंपी गई थी। उनके साथ शहर जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य की टीम रही। देहात भाजपा को भी चुनाव में सक्रिय रूप से जोडऩे के लिए टिकट वितरण से पहले देहात पदाधिकारियों से वार्डों का सर्वे कराने की रणनीति भी सफल साबित हुई।
दूसरी तरफ कांग्रेस (congress) के प्रदेशाध्यक्ष या अन्य प्रदेश स्तरीय कोई बड़ा नेता चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं में ऊर्जा फूंकने नहीं आया। जिले के प्रभारी मंत्री सालेह मोहम्मद जरूर बीकानेर में रहे, लेकिन शहर कांग्रेस और देहात कांग्रेस की सक्रियता चुनाव में नजर नहीं आई। यही कमी चुनाव परिणाम को चौपट कर गई।
चुनाव में मुद्दों की बात करें तो भाजपा के पास पिछले पांच साल के उनके नगर निगम बोर्ड कार्यकाल की कोई बड़ी उपलब्धि गिनाने को नहीं थी। एेसे में पार्टी ने मुद्दों की जगह प्रत्याशी की छवि को आगे रखने की नीति अपनाई गई। दूसरी तरफ कांग्रेस के पास भाजपा बोर्ड की विफलताओं को मुद्दा बनाने का मौका था, जिसमें वह चूक गई। चुनाव से ठीक पहले आए अयोध्या मामले में फैसले पर लोगों की नजरें थी, लेकिन दोनों ही दलों ने इसे चुनाव से दूर रखा। भाजपा ने अल्पसंख्यकों को चुनाव मैदान में उतारकर कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले वार्डों में भी सेंध लगाई।