दोनों कम्पोस्ट मशीनों में रोजाना १५०० किग्रा जैविक कचरे का उपयोग होगा। बैद ने बताया कि दोनों मशीनों से २४ घंटे में १५०० किग्रा जैविक कचरे से ७०० किग्रा जैविक खाद और करीब ३० किग्रा गैस मिलेगी। इस गैस का उपयोग एलपीजी की तरह हो सकेगा। वहीं इसे रोशनी के लिए उपयोग में लिया जा सकेगा। साथ ही घरेलू गैस के रूप में काम आ सकेगी।
कम्पोस्ट मशीनों में घरों और बाजारों से संग्रहीत जैविक कचरे का उपयोग होगा। बैद ने बताया कि मशीनों में घरों, होटलों, रेस्टोरेंट, भवनों आदि से निकलने वाली खाद्य सामग्री के वेस्ट, फल-सब्जियों का कचरा, गार्डन का वेस्ट, गोबर, कागज, गत्ते आदि के कचरे का उपयोग खाद बनाने मे होगा। कचरे के साथ मिले प्लास्टिक, पॉलीथिन, कांच, धातुओं को अलग किया जाएगा।
कचरे से खाद बनाने की दोनों मशीनें स्थापित हो गई हैं। करीब दस दिन बाद रोज खाद और गैस मिलनी शुरू हो जाएगी। इससे कचरे का निस्तारण भी होगा। संबंधित फर्म को खाद बनाने योग्य कचरा उपलब्ध करवाने की व्यवस्था कर ली गई है।
प्रदीप के गवांडे, आयुक्त, नगर निगम बीकानेर