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कांग्रेस के गोदारा बने श्रीडूंगरगढ़ उपप्रधान

locationबीकानेरPublished: Mar 15, 2019 11:50:13 am

Submitted by:

Jai Prakash Gahlot

यहां पंचायत समिति में आखिर अविश्वास प्रस्ताव के बाद गुरुवार को उपप्रधान का चुनाव संपन्न हो गया। इसमें पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा के पुत्र केसराराम गोदारा निर्विरोध निर्वाचित हुए। बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय की डबल बैंच ने सिंगल बैंच के आदेश को स्टे कर दिया था। इसी आदेश पर चुनाव करवाए गए।

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कांग्रेस के गोदारा बने श्रीडूंगरगढ़ उपप्रधान

श्रीडूंंगरगढ़. यहां पंचायत समिति में आखिर अविश्वास प्रस्ताव के बाद गुरुवार को उपप्रधान का चुनाव संपन्न हो गया। इसमें पूर्व विधायक मंगलाराम गोदारा के पुत्र केसराराम गोदारा निर्विरोध निर्वाचित हुए। बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय की डबल बैंच ने सिंगल बैंच के आदेश को स्टे कर दिया था। इसी आदेश पर चुनाव करवाए गए। सुबह दस बजे उपप्रधान पद चुनाव की कार्रवाई पंचायत समिति में शुरू हुई। इसमें पंचायत समिति के 14 सदस्य मौजूद थे। नामांकन के दौरान कांग्रेस से केवल केसराराम का ही पर्चा दाखिल होने से निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया।
चार साल बाद मिला पद
चार साल पूर्व हुए पंचायत चुनाव के दौरान 21 पंचायत समित सदस्यों में कांग्रेस के 11 और भाजपा के १० जीते थे। इनमें से कांग्रेस के एक सदस्य ने भाजपा के पक्ष में अपना वोट दे दिया। इसके चलते प्रधान पद पर रामलाल मेघवाल एवं उपप्रधान रामगोपाल सुथार बन गए। हालांकि कांग्रेस से प्रधान पद पर मेघराज बारूपाल एवं उपप्रधान पद पर केसराराम गोदारा ने नामांकन भरा था लेकिन दोनों ही पद भाजपा के खाते में चले गए। अब चार साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी तो उपप्रधान के खिलाफ अविश्वास की कार्रवाई की गई और गोदारा ने यह पद हथिया लिया। उपप्रधान पद पर गोदारा के निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद उपखण्ड अधिकारी रामरख मीणा ने प्रमाण पत्र जारी किया और पद की शपथ दिलवाई।
अब प्रधान पद पर नजर
कांग्रेस का उपप्रधान बनने के बाद अब पार्टी प्रधान भी अपना बनाना चाहती है। गत 28 फरवरी को प्रधान पद पर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना था लेकिन समयावधि पूर्ण नहीं होने से न्यायालय से स्टे प्राप्त हो गया।
भाजपा का पर्चा ही नहीं
चुनाव में भाजपा की ओर से उपप्रधान पद पर किसी भी उम्मीद्वार को मैदान में नही उतारा। इसी वजह से केसराराम निर्विरोध निर्वाचित हो गए। उधर, इस चुनाव पर देहात जिला प्रभारी वासुदेव चावला का कहना है कि आचार संहिता में सरकार के दवाब से चुनाव करवाए गए। इसलिए भाजपा ने चुनाव का बहिष्कार किया।
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