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विभाग से नहीं, जेब से भुगतना पड़ता है भाड़ा

locationबीकानेरPublished: Sep 23, 2022 10:33:07 am

Submitted by:

Jai Prakash Gahlot

विभाग से नहीं, जेब से भुगतना पड़ता है भाड़ा

विभाग से नहीं, जेब से भुगतना पड़ता है भाड़ा

विभाग से नहीं, जेब से भुगतना पड़ता है भाड़ा

-जयप्रकाश गहलोत

बीकानेर. पूरे प्रदेश में राजस्थान पुलिस एक है, परन्तु बीकानेर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है। यहां पुलिसकर्मी को वारंट तामील, अन्य ऑफिस कार्य अथवा ड्यूटी के लिए जिला मुख्यालय को छोड़कर अन्य किसी भी स्थान पर आवागमन के दौरान टैक्सी किराया नहीं मिलता है। जबकि गांवों, कस्बों के थानों से अन्य स्थानों पर रोजाना दर्जनों पुलिसकर्मियों को आवागमन करना पड़ता है। दूसरी तरफ पूरे प्रदेश में पुलिसकर्मियों को पूरा टैक्सी भाड़ा दिया जाता है। पुलिस कर्मियों ने कई बार स्थानीय अधिकारियों को परेशानी बताने के बाद अब उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई है।

प्रदेशभर के पुलिस कर्मचारियों को टीए रुल्स के तहत भत्ते के साथ-साथ टैक्सी किराया दिया जाता है। बीकानेर आए पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर को भी पुलिस कर्मियों ने इस परेशानी से अवगत कराया था। सेवानिवृत्त पुलिस कर्मचारी एसोसिएशन का प्रतिनिधि मंडल भी डीजीपी से मिला और यह मामला उठाया।

यूं समझे किराए का गणितप्रदेश के दूसरे जिलों में पुलिस कर्मचारियों को टीए के साथ-साथ टैक्सी किराया मिलता है। बीकानेर में उदाहरण के तौर पर देशनोक का जवान बीकानेर आता है तो उसे बीकानेर में बस स्टैंड से एसपी ऑफिस या कोर्ट आदि तक जाने का टैक्सी किराया मिलता है। परन्तु देशनोक में बस स्टैण्ड से थाने तक आवागमन का कोई टैक्सी भाड़ा नहीं मिलता। इसी तरह जिला मुख्यालय के पुलिसकर्मी को जिले के अन्य तहसील, उपखण्ड, थाना क्षेत्रों में सरकारी कार्य से आवागमन करने पर आगे का टैक्सी किराया नहीं मिलता।

जवानों की जुबानी पीड़ा…

एक पुलिसकर्मी ने बताया कि बीकानेर से खाजूवाला वारंट तामिल कराने गया। इस पर खाजूवाला बस स्टैंड से थाने तक जाने में लगे टैक्सी के किराए नहीं मिलेगा। वह खुद की जेब से भुगतेगा। जबकि दूसरे जिलों में जवानों को किराया दिया जा रहा है। प्रदेश पुलिस पूरा परिवार है। फिर एक ही परिवार के कर्मचारियों से दो अलग-अलग नियम क्यों थोपे गए हैं।

सरकार के प्रावधान के विपरित दिया आदेश

जवानों का कहना है कि सरकार ने टैक्सी किराया देने का प्रावधान कर रखा है। फिर भी बीकानेर के पूर्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लालचंद कायल ने सरकार के प्रावधानों के विपरित एक आदेश जारी कर दिया। इसमें जिला मुख्यालय को छोड़कर अन्य जगह टैक्सी-तांगा भाड़ा पेटे भुगतान पर पाबंदी लगा दी। जवानों का कहना है कि उक्त आदेश न्यायसंगत नहीं है। इस आदेश को विड्रा कराया जाए।

परीक्षण करवा रहे है

जवानों को टैक्सी किराया नहीं मिलने का प्रकरण ध्यान में है। जवानों ने भी इस बारे में अवगत कराया है। जवानों को टैक्सी किराया देने को लेकर परीक्षण किया जा रहा है। इसमें जल्द निर्णय किया जाएगा।

योगेश यादव, पुलिस अधीक्षक

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