scriptपंधारी लड्डू और मोतीपाक का स्वाद बेमिसाल | bikaner news apna-bazar Traditional sweets | Patrika News

पंधारी लड्डू और मोतीपाक का स्वाद बेमिसाल

locationबीकानेरPublished: Sep 10, 2021 08:14:30 pm

Submitted by:

Atul Acharya

दशकों से शहरवासी चख रहे स्वाद, विभिन्न आयोजनों में बनीरहती है मांगअब युवा संभाल रहे है मिठाई व्यवसाय

पंधारी लड्डू और मोतीपाक का स्वाद बेमिसाल

पंधारी लड्डू और मोतीपाक का स्वाद बेमिसाल

बीकानेर. खाने-पीने के शौकीन लोगों के शहर बीकानेर की मिठाइयों की खुशबु शहर ही नहीं प्रदेश और देशभर में फैली हुई है। यहां परम्परागत रूप से तैयार होने वाली मिठाइयों की मांग देश के विभिन्न स्थानों पर रहने वाले लोगों में बनी रहती है। बाहर से आने वालों को भी यहां बनने वाली परम्परागत मिठाइयां काफ ी पसंद आती हैं। सर्दी और गर्मी के मौसम में बनने वाली मिठाइयों की मांग पूरे सालभर ही बनी रहती है। इन दिनों अन्य मिठाइयों के साथ-साथ पंधारी के लड्डू और मोतीपाक की मांग अधिक बनी हुई है। इन मिठाइयों की कई दुकानें है, जहां बनने वाली मोतीपाक और पंधारी लड्डू का स्वाद आमजन को ललचाता ही रहता है।
चायपट्टी, भुजिया बाजार, दाऊजी रोड, कोटगेट, जस्सूसर गेट, सब्जी बाजार बड़ा बाजार, नत्थूसर गेट और बीके स्कूल सहित कई स्थानों पर स्थित मिठाइयों की दुकानों के पंधारी के लड्डू और मोतीपाक प्रसिद्ध है। यह दुकानों अपने लजीज स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। कई दुकानों के पंधारी के लड्डू और मोतीपाक की मांग बीकानेर के प्रवासी लोगों में बनी रहती है।

पीढ़ी दर पीढ़ी व्यवसाय
शहर में पारम्परिक रूप से बनने वाली मिठाइयों की कई एेसी दुकानें है, जिनका संचालन पीढ़ी दर पीढ़ी हो रहा है।
परिवार के सदस्य इस व्यवसाय में पीढि़यों से जुटे हुए हैं। बीके स्कूल के पास स्थित मिठाई दुकान के संचालक बालकिशन स्वामी के अनुसार करीब साठ साल से दुकान का संचालन चल रहा है। पहले केवल पंधारी के लड्डू ही बनते थे, वर्तमान में अब कई और मिठाइयां भी बनने लगी हैं। वहीं चायपट्टी स्थित मिठाई की दुकान और बड़ा बाजार स्थित सब्जी बाजार में स्थित मिठाइयों की दुकानें भी दशकों से संचालित हो रही है व पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार के सदस्य इस व्यवसाय से जुड़े हुए है।

बुजुर्गों का मार्गदर्शन, युवाओं के हाथ कमान
शहर में विभिन्न स्थानों पर संचालित हो रही पारम्परिक मिठाई की दुकानों में अब आधुनिकता भी नजर आ रही है।
परिवार के बड़े बुजुर्गो के मार्गदर्शन में युवाओं ने इस व्यवसाय को अपने हाथों में लिया है। युवा व्यवसायियों ने इस व्यवसाय में कुछ नवाचार भी किए है, लेकिन पारम्परिक मिठाइयों के स्वाद और गुणवत्ता को बरकरार रखे हुए हैं। जिसके कारण शहरवासियों के मुंह में आज भी इन दुकानों में बन रही मिठाइयों की मिठास घुली हुई है।
यह है मिठाइयों के भाव
पंधारी के लड्डू 340
मोतीपाक 340
गुलाबजामुन 320
काजू कतली 650
काजू कतली (केशर) 750
(भाव प्रति किलोग्राम)

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो