मौके पर पहुंचे सदर थानाधिकारी ऋषिराज ने प्रदर्शनकारियों को समझाइश कर मामला शांत कराया। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में पीबीएम अस्पताल प्रशासन और अन्य महकमों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक कर एसोसिएशन की मांग का निस्तारण किया जाएगा।
इस अवसर पर विक्रम सिंह राजपुरोहित, भगवान सिंह मेड़तिया, सोनू चढ्ढा, महेन्द्र ढाका, पवन सुथार, बजरंग तंवर, जसराज सींवर, इस्लाम भाटी, बाबू पठान, प्रदीप सारस्वत, इमरान, हेमन्त कछावा, आवेश खान, जयकिशन पुरोहित, यश सोनी सहित अनेक युवा मौजूद थे।
सोसायटी के अध्यक्ष सोहन सिंह परिहार ने बताया कि पीबीएम अस्पताल में हुए टेंडर व्यवस्था में घोटालों की जांच को लेकर पिछले दिनों अधीक्षक और प्रिंसिपल को ज्ञापन सौंपा था। शुक्रवार को पांच सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया जाना था। धरने से पहले अधीक्षक से फोन कर बात करनी चाही, लेकिन उन्होंने करीब तीन घंटे तक फोन ही नहीं उठाया। आखिरकार प्रदर्शनकारियों को रोष जताना पड़ा। परिहार के अनुसार पीबीएम अस्पताल की सफाई के लिए यहां ४५ मशीनें लगाई जानी थी, लेकिन ठेकेदार ने मशीनें लगाई नहीं। इसके बावजूद उसे भुगतान किया जा रहा है। इसकी शिकायतों को भी अस्पताल प्रशासन अनदेखा कर रहा है। सोसायटी के सचिव वेद व्यास ने बताया कि एमआरआइ मशीन को ट्रोमा सेंटर में स्थापित करने की मांग लम्बे समय से की जा रही है, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ठेके पर लगे विद्युत कार्मिकों का वेतन बढ़ाने और सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर 182 गार्ड के टेंडर की जांच करवाने की मांग भी की गई है।
राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष पंकज स्वामी ने बताया कि जिस समय मोहन सिंह वेलफेयर सोसायटी के पदाधिकारी अधीक्षक से मिलने का इंतजार कर रहे थे, उस समय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के बीच अधीक्षक की वीडियो कॉन्फ्रेंस थी। विरोध प्रदर्शन के बीच अस्पताल के चिकित्सक अजय कपूर के एक बयान को लेकर मंत्रालयिक कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।उन्होंने अस्पताल के बाहर चिकित्सक के खिलाफ नारेबाजी कर उन्हें अन्य स्थान पर लगाने की मांग की।