यह सब सोमवार को खाजूवाला के चक 24 बीडी में बीएसएफ के जवान रामकुमार यादव के घर हुआ। रामकुमार करीब दो वर्ष पूर्व सेना में भर्ती हुआ था। इससे पहले वह खेती में पिता का हाथ बंटवाता था। उसके मित्र बताते है कि वह देश की सेवा के लिए तत्पर रहता था।
रामकुमार बचपन से ही पढऩे में होशियार रहा। बीएसएफ में बतौर जवान भर्ती हुआ और पोस्टिंग असम में मिली। उसके अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से रामकुमार को मलेरिया की शिकायत थी। इस पर छुट्टी की अर्जी लगाई जो मंजूर हो गई और वह घर आकर इलाज करवाने के लिए रवाना हो गया। लेकिन नीयती को कुछ और ही मंजूर था। रामकुमार कोलकाता ही पहुंचा था कि उसने दम तोड़ दिया।
सोमवार को खाजूवाला से 17 केवाईडी पुली पर शव पहुंचा तो युवाओं ने तिरंगा लेकर शोक यात्रा निकाली और रामकुमार जिन्दाबाद व भारत माता की जय के नारे लगाए। इसके बाद शव उसके पैतृक गांव 24 बीडी ले जाया गया।
गांव में शोक का माहौल गांव में शव पहुंचने पर शोक का माहौल छा गया तथा ग्रामीण सुबह से ही रामकुमार के घर पहुंचकर परिजनों को ढ़ांढ़स बंधाने लगे। बीएसएफ के जवान पार्थिव शरीर को घर लेकर पहुंचे तो अंितम दर्शन के लिए पूरा गांव एकत्रित हो गया। इस दौरान रामकुमार की मां रो-रोकर बेहाल थी। वहीं पत्नी के सामने पार्थिव शव रखा तो सुधबुध खो बैठी। पिता ने जैसे तैसे खुद और परिजनों को संभाला।
बीएसएफ जवानों ने दी सलामी बीएसएफ के जवानों व अधिकारियों ने रामकुमार के पार्थिव शव को श्मशान भूमि में सलामी दी। मौके पर पूरा गांव मौजूद था और सभी की आंखे नम थी। बीएसएफ के अधिकारी ने परिजनों को तिरंगा सौंपा और अंतिम विदाई दी।
इस दौरान बीएसएफ की 114 वीं वाहिनी के समादेष्टा हेमंत कुमार, डिप्टी कमांडेड राकेश कुमार, खाजूवाला विधायक गोविन्दराम मेघवाल, पूर्व संसदीय सचिव डॉ.विश्वनाथ मेघवाल, सीसीबी चेयरमैन भागीरथ ज्याणी, उपखण्ड अधिकारी मनीष फौजदार, उपपुलिस अधीक्षक देवानन्द व थानाधिकारी विक्रम चौहान सहित जनप्रतिनिध उपस्थित रहे।