एयरपोर्ट विस्तार
बीकानेर से प्रदेश और देश के प्रमुख स्थानों के लिए सीधी हवाई सेवा के लिए क्षेत्र के लोग इंतजार कर रहे है। यहां से जयपुर और दिल्ली के लिए हवाई सेवा शुरू हुई थी। इसमें से भी जयपुर की फ्लाइट करीब बीस माह से बंद पड़ी है। कोलकाता, अहमदाबाद, मुम्बई, सूरत, गुवाहाटी समेत कई बड़े शहरों में इलाके के लोग व्यापार के लिए गए हुए है। ऐसे में हवाई सेवा का विस्तार करने के लिए एयरपोर्ट के रनवे का छोटा होना आड़े आता है। एयरपोर्ट विस्तार के लिए भूमि देने का मामला राज्य सरकार के पास अटका हुआ है।
रेल फाटक समस्या
करीब तीन दशक से यहां रेलवे फाटक की सबसे बड़ी समस्या के समाधान का इंतजार हो रहा है। रेलवे बाइपास समेत इसके लिए कई प्रोजेक्ट बने लेकिन सिरे नहीं चढ़े। मुख्यमंत्री गहलोत स्वयं इस मामले में हस्ताक्षेप करेंगे तो इलाके के लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है।
लोकल ट्रांसपोर्ट
बीकानेर का विस्तार करीब पन्द्रह किलोमीटर में हो चुका है। एमजीएसयू, कृषि विश्वविद्यालय, तकनीकी विश्वविद्यालय, उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, औद्योगिक क्षेत्र, उपनगरीय गंगाशहर, बाइपास पर बसी कॉलोनियां, बाहरी क्षेत्र में स्थित शिक्षण संस्थान, आरटीओ ऑफिस समेत कार्यालय दूर-दराज में है। ऐसे में लोकल पब्लिक ट्रांसपोर्ट की मांग लम्बे समय से हो रही है। मुख्यमंत्री इस मामले में रोडवेज व परिवहन विभाग के माध्यम से सिटी बस सेवा शुरू करवाकर बड़ी राहत दे सकते है।
ड्राई पोर्ट को जगह मिले
नाल के नजदीक साल 2008 ड्राइपोर्ट स्वीकृत हुआ। जिला कलक्टर के पास साढ़े चार करोड़ रुपए का फंड जमा पड़ा है। तेरह साल पहले यह प्रोजेक्ट गोचर की जमीन के चलते रद्द हो गया। तीस से पच्चीस हजार कनेंटर माल का बीकानेर से निर्यात हो रहा है। ड्राईपोर्ट के लिए राज्य सरकार जमीन आवंटित कर बनवा दे तो उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी।
उद्योगिक क्षेत्र में सीईटीपी बने
करणी औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियों के अपशिष्ट और गंदा पानी कई बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है। रिको ने सीईटीपी बनाने के लिए जगह आरक्षित कर रखी है। इसके लिए बजट भी तय किया हुआ है। परन्तु सालों बाद भी सीईटीपी नहीं बनने से पूरा क्षेत्र प्रदूषण का दंश झेल रहा है। मुख्यमंत्री इस मामले पर गंभीरता से काम कराएंगे तो जनता को राहत मिलेगी।
बस टर्मिनल बने
बीकानेर संभाग मुख्यालय होने के साथ ही प्रदेश के चार बड़े हाइवे यहां से निकलते है। फिर भी यहां का रोडवेज बस स्टैण्ड किसी छोटे कस्बे से स्टैण्ड से भी बद्तर हालत में है। यहां पर रोडवेज बस टर्मिनल का निर्माण कराने की आवश्कता है। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
बेसहारा गोवंश को मिले ठौर
बीकानेर शहर की बड़ी समस्याओं में बेसहारा गोवंश है। बीकानेर में नंदीशाला की सरकार घोषणा हो चुकी है। शहर में और गांव-कस्बों में घूम रहे पशुओं की समस्या का समाधान करने की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार संभाग मुख्यालय और उपखण्ड व तहसील मुख्यालयों पर गोशालाओं के निर्माण का कार्य शीघ्र हो।
टूटी सड़कें, कचरे के ढेर
बीकानेर शहर की सड़कों की हालत बहुत ज्यादा खराब है। नगर निगम व नगर विकास न्यास ने बीते तीन साल में एक भी नई सड़क का निर्माण नहीं कराया है।
सड़कों की रीकारपेट, मरम्मत, नाले-नालियों के क्रॉङ्क्षसग, नई बसी कॉलोनियों में सड़कों का निर्माण आदि पर निगम व न्यास काम करें। इसी के साथ डङ्क्षम्पग यार्ड में बने कचरे के पहाड़ को हटाने और शहर की सफाई व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है।
न्यास का काम ठप
नगर विकास न्यास में बीते साढ़े तीन साल से अध्यक्ष नहीं है। ऐसे में जिला कलक्टर प्रशासन के रूप में अध्यक्ष का काम देख रहे है।
अध्यक्ष नहीं होने से न्यास की ओर से नई कॉलोनियों को बसाने, शहर के सुनियोजित विकास के
लिए काम नहीं किया जा रहा
है। सौन्दर्यकरण से लेकर न्यास क्षेत्र में पार्क, सड़क, सफाई के काम ठप पड़े है।