मेले में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ, साधुमार्गी जैन संघ, खरतरगच्छ, तपागच्छ, पाश्र्वचन्द्रगच्छ सहित विभिन्न गच्छ व समुदाय के श्रावक-श्राविकाओं की भागीदारी रही। महापौर नारायण चौपड़़ा ने भी दादा गुरुदेव के मंदिर के दर्शन किए।
मंदिर परिसर में खान-पान, खिलौनों सहित कई तरह की अस्थायी दुकानें सजी। बाहर बच्चों के लिए झूले लगाए गए। मेले में बच्चों और महिलाओं ने खान-पान के साथ झूलों का लुत्फ उठाया। वहीं घुड़सवारी व ऊंट की सवारी भी की।
मेला स्थल पर मुसरफ परिवार की ओर से श्रावक-श्राविकाओं के लिए शिकंजी, चाय, कॉफी आदि की निशुल्क सेवा लगाई गई। इसमें घेवरचंद मुसरफ, विपन, संदीप सहित श्रावकों ने भागीदारी निभाई। वहीं जैन युवा संघ, खरतरगच्छ युवा परिषद सहित संगठनों ने विभिन्न व्यवस्था की।