प्रथम दो दिवस की तरह फड़ वर्कशॉप के समानान्तर तीन तकनीकी सत्रों का आयोजन हुआ जिसमें 18 शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। शास्त्रीय और बाउल संगीत में जाना-माना नाम डॉ. संचिता चौधरी, डॉयरेक्टर ऑफ एचयूएम निसाद ने बाउल म्यूजिक के क्षेत्र में सांस्कृतिक अनुवाद को सतत सत्य के तौर पर प्रस्तुत किया। इसके बाद हुए समारोह में जाने-माने मिनिएचर आर्टिस्ट महावीर स्वामी, विशिष्ट अतिथि तथा डूंगर कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. सतीश कौशिक मुख्य अतिथि थे। प्रो. जीजेवी प्रसाद ने अध्यक्षता की।
देशी-विदेशी छात्रों ने लिया भाग
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में फड़ कार्यशाला में विभिन्न कॉलेजों के तीस से देशी-विदेशी छात्रों ने भाग लिया। समापन समारोह में मिनिएचर पेंटर महावीर स्वामी एवं डॉ. दिव्या जोशी की मौजूदगी रही। फड़ चित्रकार सत्यनारायण जोशी ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया था। समापन अवसर पर डॉ. नीतू बिस्सा ने सभी आगंतुकों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।