जामसर के नजदीक बीकानेर-१ जीएसएस पहले से स्थापित है। जिससे आस-पास की भूमि पर सोलर ऊर्जा प्लांट स्थापित हो चुके हैं। अब बीकानेर-२ जीएसएस स्थापित होने के साथ ही सोलर कम्पनियां और यहां आएंगी। केन्द्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने बीकानेर में सोलर पार्क विकसित करने के लिए भी सैद्धांतिक सहमति दी है।
राज्य सरकार ने जैमलसर से आगे ४० हैक्टेयर भूमि जीएसएस के लिए देने की सहमति १० दिसम्बर को दे दी। इसी के साथ पॉवरग्रिड ने जीएसएस स्थापित करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। जीएसएस स्थापित होने के बाद आस-पास की किसानों की अनुपयोगी भूमि पर सोलर प्लांट लगेंगे। साथ ही बीकानेर, पुगल और कोलायत क्षेत्र में उपनिवेशन की खाली पड़ी करीब १० हजार बीघा भूमि का उपयोग भी सोलर प्लांट लगाने के लिए किया जा सकेगा। सरकार इसे कम्पनियों को सोलर प्लांट लगाने के लिए देकर राजस्व प्राप्त कर सकेगी। साथ ही सोलर प्लांट लगने पर सरकार को अतिरिक्त आय मिलने लगेगी।
गोडावन क्षेत्र में रोक से बीकानेर ही सोलर केन्द्र सुप्रीम कोर्ट की ओर से गोडावन संरक्षित क्षेत्र में सौर ऊर्जा प्लांटों के लिए ओपर वायरिंग पर रोक लगाई गई है। अंडरग्राउंड वायरिंग की व्यवस्था में बड़ा खर्चा आएगा। इसके बाद राजस्थान में बीकानेर का क्षेत्र सोलर प्लांटों के लिए केन्द्र में आ गया है। गोडावन क्षेत्र में जैसलमेर, जोधपुर, बाड़मेर और गुजरात के कुछ क्षेत्र समेत ७८ हजार किलोमीटर का एरिया है। एेसे में सोलर प्लांटों के लिए प्रदेश में बीकानेर क्षेत्र की अहमियत बढ़ गई है।
ऊर्जा मंत्री ने सोलर पार्क की सहमति दी बीकानेर में २९५० मेगावॉट का नया जीएसएस स्थापित किया जा रहा है। इसकी क्षमता बढ़ाकर ५ हजार मेगावॉट तक करने पर भी विचार चल रहा है। इसी के साथ केन्द्रीय मंत्री आरके सिंह से मुलाकात कर बीकानेर में सोलर पार्क बनाने की मांग रखी थी। मंत्री ने इसके लिए सैद्धांतिक सहमति भी दे दी है। सोलर पार्क बनने से यहां रोजगार पनपेगा और क्षेत्र की आर्थिक तरक्की भी होगी। –
– अर्जुनराम मेघवाल, केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार